भारत और कनाडा के बीच के रिश्तों में एक बार फिर से तल्खी बढ़ गई है. कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के निज्जर हत्याकांड से जुड़े बयान को लेकर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. कनाडा से भारतीय राजनयिक को निकाले जाने का कड़ा विरोध करते हुए भारत ने भी कनाडा के उच्चायुक्त को 5 दिनों में देश छोड़ने का आदेश जारी किया है.
पीएम मोदी ने जस्टिन ट्रूडो से जी-20 शिखर सम्मलेन के दौरान हुई वार्ता में कहा था कि कनाडा में भारतीय राजनयिकों पर हमले बढ़ रहे हैं. उनके परिसरों को निशाना बनाया जा रहा है. उन्हें धमकियां दी जा रही हैं. जिससे लगता है कि कनाडा में अलगाववाद को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसतपर ट्रूडो ने कहा था कि वह अपने देश में अभिव्यक्ति की आजादी का सम्मान करते हैं.
जस्टिन ट्रूडो के बयान से साफ जाहिर होता है कि वे अपने पिता की गलतियों को दोहराने की भूल कर रहे हैं. जिसकी वजह से 329 लोगों की मौत हो गई थी. दरसअल, ये बात उस समय की है जब जस्टिन ट्रूडो के पिता पियर ट्रूडो कनाडा के पीएम थे. उस दौरान भारत में पनप रहे खालिस्तानी आंदोलन के मद्देनजर तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने खालिस्तानी तलविंदर सिंह परमार के भारत प्रत्यर्पण की मांग की थी, लेकिन पियर ने ये कहते हुए इनकार कर दिया था कि भारत ब्रिटेन की रानी को कॉमनवेल्थ का हेड मानता, लेकिन सदस्य है. इसलिए वह किसी भी तरीके से तलविंदर का प्रत्यर्पण नहीं करेगा. इसी के बाद 23 जून 1985 को कनाडा में रहने वाले खालिस्तानी आतंकियों ने एयर इंडिया के विमान में बम रखकर उसे उड़ा दिया था. जिसमें 329 लोगों की मौत हो गई थी.
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अब फिर से ट्रूडो उसी इतिहास को दोहराने की कोशिश कर रहे हैं. जिसकी वजह से दोनों देशों के बीच रिश्ते बिगड़ रहे हैं. इस बार बिगड़ते रिश्ते की वजह केटीएफ यानी कि खालिस्तानी टाइगर फोर्स का आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर है. निज्जर की इसी साल जून के महीने में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. जिसको लेकर जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि इस हत्याकांड में भारत की संलिप्तता की जांच कनाडाई जांच एजेंसियां कर रही हैं. निज्जर पर भारत की जांच एजेंसियों ने 10 लाख रुपये का इनाम रखा था.
-भारत एक्सप्रेस
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