India UK relations: यूनाइटेड किंगडम के विदेश सचिव आज भारत के दौरे पर थे. राजधानी नई दिल्ली में उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं.
दोनों पक्षों ने यूके-भारत प्रौद्योगिकी सुरक्षा पहल (TSI) के शुभारंभ का स्वागत किया, जिसका नेतृत्व दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (एनएसए) द्वारा किया गया तथा इस पर सहमति व्यक्त की गई, ताकि दूरसंचार, महत्वपूर्ण खनिज, सेमीकंडक्टर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम, जैव प्रौद्योगिकी और उन्नत सामग्री सहित प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों (सीईटी) में सहयोग का विस्तार किया जा सके.
2030 के रोड मैप पर आधारित
TSI के अंतर्गत सहयोग में सरकार, निजी क्षेत्र, शिक्षा जगत और अनुसंधान एवं विकास संस्थान शामिल होंगे. TSI दोनों देशों के बीच 2030 के रोड मैप पर आधारित है तथा यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है.
यूके इंडिया टेक्नोलॉजी सिक्योरिटी इनीशिएटिव के शुभारंभ के पश्चात, विशिष्ट प्रौद्योगिकियों और सहयोग के क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने वाली एक फैक्ट शीट भी जारी की गई. फैक्ट शीट सभी हितधारकों, विशेष रूप से उद्योग और शिक्षा जगत को सटीक मार्गदर्शन देगी तथा सहयोग के परिणामों पर इसका गहरा प्रभाव पड़ेगा.
प्रस्तावित टेक्नोलॉजी और सिक्योरिटी इनीशिएटिव को लचीला और भविष्य के बदलते परिदृश्यों के अनुरूप बनाने के लिए, भविष्य में नए क्षेत्रों और विषयों को भी शामिल किया जाएगा.
इन क्षेत्रों को विकास और प्रोत्साहन
टीएसआई आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन सुधारने और पहचाने गए महत्वपूर्ण खनिजों के लिए आर्थिक रूप से व्यवहार्य और पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ निष्कर्षण प्रौद्योगिकियों को विकसित करने में सहायक होगी. टीएसआई इंफ्रास्ट्रक्चर, सेमीकंडक्टर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम आदि के क्षेत्र में यूके और भारत के बीच अनुसंधान, व्यापार और निवेश प्रवाह को बढ़ावा देगा. जीनोमिक्स, सटीक चिकित्सा, कोशिका और जीन थेरेपी, बायोथेरेप्यूटिक्स, बायो-मैन्युफैक्चरिंग, बायो-इलेक्ट्रॉनिक्स आदि के क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा.
यूके और भारत अगली पीढ़ी की दूरसंचार प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में सहयोग करेंगे और दूरसंचार प्रदाता, स्टार्ट-अप और व्यवसाय दूरसंचार बुनियादी ढांचे में वाणिज्यिक अवसरों की खोज करेंगे.
TSI का समन्वय और निगरानी दोनों देशों के एनएसए द्वारा की जाएगी और डिप्टी एनएसए स्तर पर छमाही आधार पर संयुक्त समीक्षा तंत्र का संचालन किया जाएगा. लाइसेंस और विनियामक मुद्दों को हल करने के लिए, महत्वपूर्ण और उभरती हुई तकनीकी (सीईटी) में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए एक द्विपक्षीय तंत्र शामिल किया गया है.
– भारत एक्सप्रेस
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