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भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी ने 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ छोड़ी, डोनाल्ड ट्रंप का किया समर्थन

भारतीय-अमेरिकी उद्यमी और नेता विवेक रामास्वामी ने अपने मुखर वाद-विवाद प्रदर्शन के दौरान लोगों का ध्यान आकर्षित किया था.

विवेक रामास्वामी

डोनाल्ड ट्रंप ने आयोवा कॉकस में सोमवार रात हुए मतदान में जीत हासिल कर ली है. 2024 के राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी का उम्मीदवार चुनने की लंबी प्रक्रिया आयोवा कॉकस में मतदान से शुरु होती है. जिसमें डोनाल्ड ट्रंप सबसे आगे बने हुए हैं. वहीं आयोवा में अपने खराब प्रदर्शन के बाद विवेक रामास्वामी ने 2024 रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद की दौड़ से खुद को बारह कर लिया है.

डोनाल्ड ट्रम्प का किया समर्थन

38 वर्षीय रामास्वामी ने पूर्व प्रतिद्वंद्वी, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को अपना समर्थन दिया है. भारतीय-अमेरिकी उद्यमी और जीओपी नेता विवेक रामास्वामी ने अपने मुखर वाद-विवाद प्रदर्शन के लिए लोगों का ध्यान आकर्षित किया था. वहीं उन्होंने डोनाल्ड ट्रम्प को पहले “21 वीं सदी का सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रपति” करार दिया था.

दक्षिण भारत से है नाता

38 वर्षीय बायो-टेक उद्यमी ने मंगलवार को आयोवा में एक संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अप्रवासी माता-पिता के घर जन्मे रामास्वामी 2024 की रिपब्लिकन पार्टी से उम्मीदवारी की दौड़ में शामिल हुए. रामास्वामी ने डेस मोइनेस में समर्थकों से कहा, “जैसा कि मैंने शुरू से कहा है, इस दौड़ में दो अमेरिका फर्स्ट उम्मीदवार हैं, और मैंने डोनाल्ड ट्रम्प को यह बताने के लिए फोन किया था. आगे चलकर उन्हें मेरा पूरा समर्थन मिलेगा.”

ट्रंप काफी आगे

मिली जानकारी के हिसाब से देखा जाए तो नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 93 प्रतिशत परिणाम जारी होने के बाद, रामास्वामी को आयोवा में 40 प्रतिनिधियों में से केवल दो जीतने का अनुमान है. पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप को दो राज्यों से अयोग्य घोषित किए जाने के बाद उन्होंने कोलोराडो और मेन में मतदान से खुद को हटाने की प्रतिज्ञा की. यहां तक ​​कि उन्होंने ट्रंप के कार्यकाल के पहले दिन ही उनके सभी आरोपों को माफ करने की कसम भी खायी.

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इस बीच, ट्रंप ने भारी जीत दर्ज की है और उन्हें आयोवा के 40 प्रतिनिधियों में से 20 जीतने की उम्मीद है. जबकि, फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस और दक्षिण कैरोलिना की पूर्व गवर्नर निक्की हेली को क्रमश: आठ और सात प्रतिनिधि मिलने का अनुमान है.

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