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ऑपरेशन ‘सिंदूर’ पर विदेश मंत्रालय ने दी बड़ी ब्रीफिंग, पाकिस्तान को छोड़कर UNSC के सभी सदस्यों को दी जानकारी

India-Pakistan Tensions: भारतीय विदेश मंत्रालय ने ब्रीफिंग में स्पष्ट किया कि हमारा एंटी टेरर ऑपरेशन पूरी तरह अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मानवाधिकार मानदंडों का पालन करते हुए चलाया जा रहा है.

Indian Foreign Ministry

फोटो-सोशल मीडिया

India-Pakistan Tensions: भारत सरकार ने एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक पहल करते हुए, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सभी स्थायी और अस्थायी सदस्य देशों के राजदूतों को विदेश मंत्रालय में बुलाकर ऑपरेशन ‘सिंदूर’ पर विस्तृत जानकारी दी. पाकिस्तान को इस ब्रीफिंग से बाहर रखा गया.

विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, इस विशेष ब्रीफिंग का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि, इसके उद्देश्यों और अब तक की सफलता से अवगत कराना था. इस दौरान ऑपरेशन की रणनीति, मानवीय संवेदनशीलता और सुरक्षा पहलुओं पर भी विस्तार से प्रकाश डाला गया.

ऑपरेशन ‘सिंदूर’ हाल ही में भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा एक अत्यंत संवेदनशील मिशन के तहत शुरू किया गया था, जिसका लक्ष्य सीमावर्ती क्षेत्रों में आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त करना और आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. इस मिशन को भारतीय सेना, खुफिया एजेंसियों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के संयुक्त प्रयासों से अंजाम दिया जा रहा है.

विदेश मंत्रालय ने ब्रीफिंग में यह भी स्पष्ट किया कि ऑपरेशन पूरी तरह अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मानवाधिकार मानदंडों का पालन करते हुए चलाया जा रहा है. भारत ने सभी सदस्य देशों को आश्वस्त किया कि इस कार्रवाई का मकसद सिर्फ राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करना है और किसी भी तरह से क्षेत्रीय स्थिरता को नुकसान पहुंचाना नहीं है.

पाकिस्तान को क्यों रखा गया बाहर?

जानकारों के मुताबिक, पाकिस्तान की भूमिका को लेकर भारत के पास ऐसे सबूत हैं जो उसे आतंकवादी नेटवर्क को पनाह देने वाला साबित करते हैं. इसी कारण से पाकिस्तान को इस संवेदनशील ब्रीफिंग से अलग रखा गया. भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पहले भी पाकिस्तान की आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों को उजागर किया है.

ब्रीफिंग का संदेश:

यह कूटनीतिक पहल भारत के इस संदेश को मजबूती से स्थापित करने का प्रयास है कि वह आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में अंतरराष्ट्रीय समर्थन चाहता है, लेकिन किसी भी आक्रामक मंशा के बिना. ऑपरेशन ‘सिंदूर’ को वैश्विक स्तर पर वैधता दिलाने की दिशा में भी यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

आगे की रणनीति:

विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर और भी ब्रीफिंग्स की जा सकती हैं, खासकर मित्र देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ, ताकि वैश्विक समर्थन को और मजबूत किया जा सके.



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