Bharat Express

Pakistan: महंगाई से बेहाल पाकिस्तान अब रक्षा बजट कम करने की तैयारी में, दूध 210 रुपये तो चिकन के दाम भी पहुंचे 780 रुपये तक

Pakistan: खराब आर्थिक हालात और नकदी संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार भी कम होते जा रहा है.

pakistan

सांकेतिक तस्वीर

Pakistan: पड़ोसी देश पाकिस्तान आर्थिक मोर्चे पर लगातार नाकाम साबित हो रहा है. बढ़ती महंगाई से वहां की आवाम के सामने दो वक्त की रोटी का संकट खड़ा हो गया है. आलम यह है कि पाकिस्तान में दूध की कीमतें 190 पाकिस्तानी रुपये प्रति लीटर से बढ़ते हुए 210 रुपये प्रति लीटर हो गई हैं. ऐसे में अब पाकिस्तान अपने रक्षा बजट को कम करने की तैयारी में है.

लगातार बढ़ रहे हैं जरूरी चीजों के दाम

दूध की कीमतों के 210 पाकिस्तानी रुपये होने के अलावा यहां मुर्गे का मांस अब 700-780 रुपये प्रति किलो हो गया है. इसके अलावा अन्य जरूरी सामानों के दाम बढ़ने से वहां की आम जनता बेहाल है.

पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में आ रही है कमी

खराब आर्थिक हालात और नकदी संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार भी कम होते जा रहा है. अब यह तीन अरब डॉलर से भी कम रह गया है. वहीं पाकिस्तान की आम जनता पर आने वाले दिनों में और महंगाई की मार पड़ सकती है. आईएमएफ द्वारा द्वारा पाकिस्तान को लोन देने को लेकर जो शर्तें रखी गई हैं उनमें कई ऐसी बातें हैं जिनसे आम जनता पर करों का बोझ बढ़ने जा रहा है.

इन शर्तों में बिजली सब्सिडी को खत्म करने से लेकर राजस्व में बढ़ोतरी शामिल है. वहीं आईएमएफ द्वारा जीएसटी को 17 से बढ़ाकर 18 प्रतिशत करने के अलावा पेट्रोलियम उत्पादों पर जीएसटी लगाना जैसी बातें शामिल हैं.

इसे भी पढें: फरिश्ता बनी NDRF की जूली, बचाई तुर्किये में छह साल की मासूम की जान

पाकिस्तान कर सकता है रक्षा बजट में कटौती

पाकिस्तानी वित्त मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार आईएमएफ की शर्तों में रक्षा बजट में कटौती की बात भी कही गई है. इस संदर्भ में सरकार ने रक्षा मंत्रालय से रक्षा बजट में 10-15 फीसदी की कटौती करने के लिए भी बात की है. आईएमएफ की शर्तों को देखते हुए पाकिस्तान का रक्षा मंत्रालय गैर-लड़ाकू बजट में 5-10 प्रतिशत की कटौती कर सकता है.

पाकिस्तान में रक्षा बजट काफी अधिक रहता है. अपने सैन्य संसाधनों और रक्षा पर अधिक बजट खर्च करने के कारण पाकिस्तान को कई आवश्यक वस्तुओं के लिए बजट में कटौती भी करनी पड़ती है.

Also Read