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भारत को जवाब देने की जुर्रत में अपने ही पैरों पर कुल्‍हाडी मार रहा पाकिस्‍तान, अब मची दवाओं की किल्‍लत

Pharmaceutical Emergency Pakistan: भारत से व्यापार बंद करने के फैसले के बाद पाकिस्तान में दवाइयों का संकट गहरा गया है. स्वास्थ्य अधिकारी आपातकालीन आपूर्ति योजना बना रहे हैं.

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Vijay Ram Edited by Vijay Ram

Medicine Shortage Pakistan: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की सख्त प्रतिक्रिया के जवाब में पाकिस्तान ने जल्दबाज़ी में भारत के साथ सीमित व्यापार को भी बंद कर दिया. इस फैसले के चलते पाकिस्तान अब दवाइयों के गंभीर संकट की ओर बढ़ रहा है. पाकिस्तान का फार्मास्यूटिकल उद्योग बड़ी मात्रा में भारत से कच्चे माल पर निर्भर था, और व्यापार रुकने से अब दवा आपूर्ति बाधित होने का खतरा बढ़ गया है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान के स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े अधिकारी दवाइयों की आपूर्ति बनाए रखने के लिए आपातकालीन योजनाएं बना रहे हैं. जियो न्यूज ने जानकारी दी है कि पाकिस्तान का ड्रग रेगुलेटरी अथॉरिटी (DRAP) इस संकट से निपटने के लिए वैकल्पिक आपूर्ति मार्ग तलाशने में जुटा है. हालांकि अभी तक DRAP ने इस बारे में कोई औपचारिक अधिसूचना जारी नहीं की है.

2019 में भी दवाओं के लिए कोहराम मच गया था

DRAP के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 2019 में जब जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाई गई थी, तब भी पाकिस्तान ने भारत के साथ व्यापार पर रोक लगाई थी, जिससे दवाइयों की आपूर्ति में दिक्कतें आई थीं. उस समय की सीख को ध्यान में रखते हुए DRAP ने इमरजेंसी योजनाएं तैयार की थीं, जो अब फिर से सक्रिय की जा रही हैं.

फिर से दवा की कमी और कीमतों में उछाल आएगा

पाकिस्तान दवाइयों के निर्माण के लिए भारत से 30-40 प्रतिशत तक सक्रिय फार्मास्यूटिकल सामग्री (API) और अन्य कच्चा माल आयात करता था. इसके अलावा अन्य मेडिकल उत्पादों की आपूर्ति भी भारत से होती थी. अब व्यापार ठप होने के कारण पाकिस्तान को चीन, रूस और यूरोपीय देशों से कच्चा माल खरीदने के विकल्प तलाशने पड़ रहे हैं. लेकिन यह प्रक्रिया न केवल महंगी साबित होगी, बल्कि समय भी अधिक लगेगा, जिससे देश में दवा की कमी और कीमतों में उछाल की संभावना जताई जा रही है.

अस्पतालों और क्लीनिकों का संचालन बाधित होगा

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यदि समय रहते विकल्प नहीं ढूंढे गए तो पाकिस्तान में आवश्यक दवाओं की भारी किल्लत हो सकती है. इससे न केवल आम जनता की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होंगी, बल्कि अस्पतालों और क्लीनिकों का संचालन भी बाधित हो सकता है.

विशेषज्ञों ने यह भी चेताया है कि अगर जल्द समाधान नहीं निकला तो पाकिस्तान को इमरजेंसी मेडिकल सप्लाई के लिए वैश्विक संगठनों की मदद लेनी पड़ सकती है.

कुल मिलाकर, पाकिस्तान द्वारा उठाया गया व्यापार बंदी का कदम अब उसी के लिए नई मुसीबत बनता दिख रहा है. दवाइयों का संकट देश के स्वास्थ्य तंत्र को गहरा झटका दे सकता है, और इसका असर सीधे आम नागरिकों के जीवन पर पड़ने की आशंका है.

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