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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मालदीव की डिफेंस मिनिस्टर ने रखी एकाथा हार्बर की आधारशिला

राजनाथ सिंह और मारिया दीदी ने इस दौरान द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को बढ़ाने तथा भारत और मालदीव के बीच दीर्घकालिक साझेदारी को मजबूत करने पर बातचीत की.

Rajnath Singh

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व मालदीव की रक्षा मंत्री मारिया दीदी (फोटो- PTI)

भारत और मालदीव ने हिंद महासागर क्षेत्र में शांति, स्थिरता एवं सुरक्षा बनाये रखने के महत्व को दोहराया. दोनों ही देशों ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच अंतरराष्ट्रीय कानून तथा नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को सम्मान देने के महत्व को रेखांकित किया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मालदीव की रक्षा मंत्री मारिया दीदी के निमंत्रण पर सोमवार को माले पहुंचे थे. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और प्रगति’ (सागर) की सोच के अनुरूप माले में मालदीव नेशनल डिफेंस फोर्स (एमएनडीएफ) के एकाथा हार्बर की आधारशिला संयुक्त रूप से रखी.

यहां कोस्ट गार्ड हार्बर और सिफावारु में मरम्मत केंद्र का विकास भारत की सहायता से क्रियान्वित की जा रही सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक है. राजनाथ सिंह और मारिया दीदी ने इस दौरान द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को बढ़ाने तथा भारत और मालदीव के बीच दीर्घकालिक साझेदारी को मजबूत करने पर बातचीत की. रक्षा मंत्री की मालदीव यात्रा के अंत में जारी संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘उन्होंने आपसी चिंता के अनेक क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर चर्चा की और रक्षा एवं सुरक्षा के क्षेत्रों में अपना सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई.’’

इसमें कहा गया, ‘‘दोनों मंत्रियों ने क्षेत्र में शांति, स्थिरता और सुरक्षा बनाये रखने के महत्व को दोहराया और साझा सुरक्षा चुनौतियों पर ध्यान देने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत को रेखांकित किया.’’ मालदीव की रक्षा मंत्री ने सिंह की यात्रा को दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग साझेदारियों में बड़ा मील का पत्थर बताया. उन्होंने आईएनएस ऐरावत पर सिंह की मेजबानी में आयोजित स्वागत समारोह के लिए भारतीय रक्षा मंत्री को धन्यवाद दिया.

मारिया दीदी ने कहा, ‘‘इस समारोह में भारत और मालदीव के बीच मौजूदा समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और मित्रता का जश्न मनाया गया. यह समारोह सालों से जारी सहयोग और आपसी सम्मान के मजबूत बंधों का प्रमाण है.’’ मंत्रियों ने संयुक्त अभ्यास और सैन्य अधिकारियों की यात्राओं समेत दोनों पड़ोसियों के बीच जारी रक्षा सहयोग में प्रगति का स्वागत किया. उन्होंने हुरावी की जगह नये जहाज के शामिल होने के समारोह में भी भाग लिया.

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