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Sheikh Hasina ने Bangladesh में सामूहिक हत्याओं के मास्टरमाइंड Muhammad Yunus को क्यों बताया, यहां जानें

Mastermind of Mass Killings in Bangladesh: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने मंगलवार (3 नवंबर) को अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) पर ‘सामूहिक हत्याओं का मास्टरमाइंड’ होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि यूनुस देश में अल्पसंख्यकों पर हमलों की साजिश रचने में शामिल है. इतना ही नहीं शेख हसीना ने मंदिरों, चर्चों और धार्मिक संगठन इस्कॉन पर हमलों के लिए यूनुस की आलोचना भी की.

न्यूयॉर्क में अवामी लीग के एक कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित करते हुए शेख हसीना ने यूनुस पर बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों, इस्कॉन स्थलों और अल्पसंख्यकों के अन्य धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने का आरोप लगाया.

सामूहिक हत्याओं का आरोप


उन्होंने कहा, ‘आज मुझ पर सामूहिक हत्याओं का आरोप लगाया गया है. वास्तव में यह मुहम्मद यूनुस ही हैं, जो अपने छात्र समन्वयकों के साथ मिलकर एक सोची-समझी योजना के तहत सामूहिक हत्याओं के लिए जिम्मेदार हैं. वे ही मास्टरमाइंड हैं.’ बांग्लादेश अवामी लीग (BAL) की अध्यक्ष और देश के राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की बेटी हसीना ने कहा, ‘शिक्षकों और पुलिस पर हमला किया जा रहा है और उनकी हत्या की जा रही है. हिंदुओं, ईसाइयों और बौद्धों पर हमला किया जा रहा है. कई चर्चों और मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है. अल्पसंख्यकों पर हमला क्यों किया जा रहा है?’

अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव

यूनुस पर यह तीखा हमला बांग्लादेश में कट्टरपंथी इस्लामवादियों द्वारा हिंदू समुदाय पर हमलों की लहर के बीच हुआ है. इस दौरान चिन्मय कृष्ण दास समेत तीन हिंदू भिक्षुओं की गिरफ्तारी ने चिंता को और बढ़ा दिया है. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव बरतने, उन्हें, उनके घरों और धार्मिक स्थलों को पर्याप्त सुरक्षा न देने के आरोप लग रहे हैं.

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर इन आरोपों की तरफ दुनिया का ध्यान गया है. दास को ढाका के हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह एक रैली में भाग लेने चटगांव जा रहे थे. पिछले हफ्ते अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया और जेल भेज दिया.

5 अगस्त को छोड़ा था बांग्लादेश


शेख हसीना ने इस गिरफ्तारी की निंदा और उनकी तुरंत रिहाई की मांग की थी. बता दें इस साल 5 अगस्त को हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद शेख हसीना को सत्ता छोड़ने और देश से भागने पर मजबूर होना पड़ा था. उन्होंने दावा किया था कि उनके पिता शेख मुजीबुर रहमान की तरह ही उनकी भी हत्या की योजना थी. हसीना ने कहा था कि उन्होंने बांग्लादेश इसलिए छोड़ा क्योंकि वह ‘नरसंहार’ नहीं चाहती थीं. इसके बाद देश में अल्संख्यक वर्गों पर लगातार हमलों की खबरें आ रही हैं. अल्पसंख्यक धार्मिक स्थलों को भी निशाना बनाया जा रहा है.

(समाचार एजेंसी आईएएनएस से इनपुट के साथ)

-भारत एक्सप्रेस

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