Bharat Express

पनडुब्बी टाइटन में सवार सभी पांच लोगों की मौत, यूएस कोस्ट गार्ड रियर एडमिरल जॉन माउगर ने दी जानकारी

यूएस कोस्ट गार्ड रियर एडमिरल जॉन माउगर ने कहा कि रिमोट से संचालित वाहन (आरओवी) ने समुद्र तल पर टाइटैनिक से लगभग आधा किलोमीटर दूर टाइटन पनडुब्बी के टेल कोन की खोज की.

टाइटन सबमरीन पर सवार सभी पांच लोगों की मौत

अमेरिकी तटरक्षक बल ने घोषणा की है कि टाइटैनिक के पास खोजकर्ताओं को लापता पनडुब्बी टाइटन का मलबा मिला है. मीडिया को जानकारी देते हुए यूएस कोस्ट गार्ड रियर एडमिरल जॉन माउगर ने कहा कि रिमोट से संचालित वाहन (आरओवी) ने समुद्र तल पर टाइटैनिक से लगभग आधा किलोमीटर दूर टाइटन पनडुब्बी के टेल कोन की खोज की.

माउगर ने कहा, बाद में आरओवी को अतिरिक्त मलबा मिला. उन्होंने कहा, मैं पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं. सब मरीन का स्वामित्व और संचालन करने वाली अमेरिका स्थित कंपनी ओशनगेट एक्सपीडिशन ने एक बयान में कहा कि उसका मानना है कि टाइटैनिक-बाउंड सब मरीन के पांचों यात्रियों की दुखद मौत हो गई है.

पनडुब्बी में सवार सभी पांच लोगों की मौत

इन यात्रियों में अरबपति एक्सलोरर हामिश हाडिरंग, फ्रांसीसी एक्सप्लोरर पॉल-हेनरी नार्जियोलेट, एक प्रमुख पाकिस्तानी परिवार के सदस्य शहजादा दाऊद और उसका बेटा सुलेमान दाऊद और ओशनगेट एक्सपीडिशन के सीईओ और टाइटन पायलट स्टॉकटन रश शामिल हैं. एडमिरल जॉन माउगर ने बताया कि रविवार सुबह उत्तरी अटलांटिक में टाइटैनिक के मलबे की ओर गोता लगाने के दौरान पनडुब्बी पूर्वी कनाडा में न्यूफाउंडलैंड के तट से 600 किलोमीटर से अधिक दूर लापता हो गई.

अंतरराष्ट्रीय खोज की टीम लगा रही थी पता

अमेरिकी तटरक्षकों के नेतृत्व में एक अंतरराष्ट्रीय खोज की टीम लापता पनडुब्बी का पता लगाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा था. अनुमान लगाया गया था कि पनडुब्बी में 96 घंटे का ऑक्सीजन है, जिसके गुरुवार की सुबह तक खत्म होने की उम्मीद थी. जिस क्षेत्र में पनडुब्बी गायब हुई थी, वहां मंगलवार और बुधवार को पानी के भीतर सोनार उपकरणों ने धमाके की आवाजें सुनी थी.

यह भी पढ़ें- Big Success For India: डॉ. शेफाली जुनेजा को चुना गया ICAO का वाइस प्रेसीडेंट, 68 साल बाद भारत के हिस्से में आई ये सफलता

माउगर ने कहा कि शोर और समुद्र तल पर पनडुब्बी के स्थान के बीच कोई संबंध प्रतीत नहीं होता है. ओशनगेट अभियान ने समुद्र की सतह से 3,800 मीटर नीचे मलबे तक पहुंचने के लिए पनडुब्बी का उपयोग किया.

-भारत एक्सप्रेस

Bharat Express Live

Also Read