कनाडा में पंजाबियों का बढ़ रहा दबदबा
Canada: कनाडा में पंजाब के लोगों ने अपना ही जलवा कायम रखा है. कनाडा की अलबर्टा प्रांतीय विधानसभा में पंजाब मूल के चार नेताओं ने जीत हासिल की है. जिसके चलते पूरे पंजाबी समुदाय में एक जश्न का माहौल है. कैलगरी और एडमोंटन में चुनाव लड़ने वाले कुल 15 पंजाबी उम्मीदवारों में से 4 उम्मीवारों पर मतदाताओं ने अपना विश्वास जताया है. यूनाइटेड कंजर्वेटिव पार्टी (यूसीपी) के मौजूदा कैबिनेट मंत्री राजन साहनी ने न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) के माइकल लिस्बोआ-स्मिथ को हराकर कैलगरी नॉर्थ वेस्ट में जीत हासिल की. उनकी जीत मतदाताओं के उनके हितों का प्रभावी ढंग से प्रतिनिधित्व करने की क्षमता में विश्वास को दर्शाती है.
साहनी के बाद दूसरे सफल उम्मीदवार जसवीर देओल हैं, जो मौजूदा एनडीपी विधायक थे, जिन्हें एडमॉन्टन मीडोज से फिर से चुना गया था. देओल ने घटकों के साथ अपने मजबूत संबंध का प्रदर्शन किया और यूसीपी के अमृतपाल सिंह मथारू के खिलाफ जीत हासिल की.
एनडीपी का प्रतिनिधित्व करने वाले परमीत सिंह बोपोराई कैलगरी फाल्कनरिज से यूसीपी के देविन्दर तूर को हराकर विजयी हुए. बोपोराय की जीत समुदाय की परिवर्तन की इच्छा और उनकी समस्याओं को सुनना है. जिसके चलते उनपर भरोसा जताया गया है. कैलगरी नॉर्थ ईस्ट में NDP के गुरिंदर बराड़ ने UCP के इंदर ग्रेवाल को हराकर एक उल्लेखनीय जीत हासिल की. बराड़ की सफलता विविध प्रतिनिधित्व के लिए समुदाय की इच्छा और प्रांत के भीतर समावेशी नीतियों को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दिखाता है.
इन नेताओं को हाथ लगी हार
जबकि कुछ उम्मीदवार अपनी बात को मतदाताओं तक पहुंचाने में नाकाम रहे, लेकिन चुनावी चुनावी प्रक्रिया में उनकी भागीदारी मान्यता के योग्य है. अमनप्रीत सिंह गिल, रमन अठवाल, आर. सिंह बाथ, गुरिंदर सिंह गिल, हैरी सिंह, अमन संधू, जीवन मंगत और ब्रह्म लड्डू सभी ने अपने समुदायों की सेवा करने के लिए अपना साहस दिखाया. उनके योगदान ने बेशक राजनीतिक परिदृश्य को समृद्ध किया है, जीवंत लोकतंत्र के वातावरण को बढ़ावा दिया है.
अल्बर्टा में पंजाबी समुदाय की मजबूत उपस्थिति को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. 2021 की जनगणना के अनुसार, कनाडा की आधे से अधिक सिख आबादी चार प्रमुख शहरों में रहती है. जिसमें ब्रैम्पटन, सरे, कैलगरी और एडमॉन्टन शामिल हैं. इस चुनाव में पंजाबी उम्मीदवारों द्वारा हासिल की गई जीत ने कनाडा के समाज में उनके बढ़ते राजनीतिक प्रभाव और प्रतिनिधित्व को और मजबूत किया है.
– भारत एक्सप्रेस