सीनियर सेकेंडरी स्कूल अम्फल्ला के छात्र
Jammu-Kashmir: जम्मू कश्मीर में पहला डिजिटल क्लास लॉन्च कर दिया गया है. गैर लाभकारी संगठन आश्रय ने डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए छात्रों को टैबलेट दिया है. अब छात्रों को भारी-भरकम बैग स्कूल ले जाने की आवश्यकता नहीं है. बता दें कि डिजिटलीकरण पर जोर देते हुए आश्रय ने इकोसिस्टम प्रोग्राम के तहत कक्षा 7 के सभी छात्रों और शिक्षकों को टैबलेट प्रदान किए गए हैं. भारतीय विद्या मंदिर, सीनियर सेकेंडरी स्कूल अम्फल्ला, जम्मू में है. बताया गया है कि यह जम्मू, कश्मीर और लद्दाख की पहली कक्षा होगी जहां सभी छात्रों की टैबलेट तक पहुंच होगी.
डिजिटल शिक्षण के लिए दिया गया प्रशिक्षण
सातवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र पूरे पाठ्यक्रम को अपने टेबलेट पर एक्सेस कर पाएंगे. अब शिक्षक पाठ्यपुस्तकों और ब्लैकबोर्ड के बिना छात्रों को पढ़ा सकते हैं. डिजिटल शिक्षण और सीखने के तरीके पर विशेष प्रशिक्षण दिया गया है. छात्रों को जब भी कोई प्रश्न आता है तो वे शिक्षकों से संपर्क कर सकते हैं और इसे तुरंत हल कर सकते हैं, जो “नो बैग, नो टेक्स्टबुक” मुहिम का हिस्सा है. आश्रय के अध्यक्ष सतीश झा ने कहा, “आज के युग में, तकनीक दुनिया की नई आवाज है और इसे शिक्षा से अलग नहीं किया जा सकता है. हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भारत में हर बच्चे को विश्व स्तरीय शिक्षा मिले. टैबलेट के माध्यम से डिजिटल शिक्षा छात्रों को अत्याधुनिक शिक्षा प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करेगी, जिससे वे भविष्य के लिए तैयार होंगे.”
यह भी पढ़ें: Punjab News: पंजाब सरकार ने ‘सेकेंड लाइन ऑफ डिफेंस’ पर दिया जोर, राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने दी थी सलाह
विद्या भारती स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों को मिला टैब
बताया गया है कि आश्रय एक STEM रोबोटिक्स और AI प्रोग्राम की पेशकश कर रहा है. एसटीईएम कार्यक्रम के तहत विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित को एक एकीकृत तरीके से पढ़ाया जाता है, जिससे छात्रों में रचनात्मक सोच कौशल और 21वीं सदी की योग्यता को बढ़ावा मिलता है. विद्या भारती स्कूल में पढ़ने वाले 3,480 छात्र आश्रय द्वारा वितरित डिजिटल शिक्षा और टैबलेट से लाभान्वित हुए हैं.
-भारत एक्सप्रेस