Massive Fire In Jhansi Hospital: उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में स्थित महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज (Maharani Laxmi Bai Medical College) के नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष (SNCU) में शुक्रवार रात भीषण आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की झुलसने और दम घुटने से मौत हो गई. घटना के समय इस वार्ड में कुल 47 नवजात भर्ती थे, जिनमें से 31 को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है.
हादसे की जानकारी मिलते ही दमकल की गाड़ियां और सेना की टीमें मौके पर पहुंची और आग बुझाने में जुट गईं. घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई, जहां नवजातों के माता-पिता अपने बच्चों को बचाने के लिए सहायता की गुहार लगा रहे थे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर दुख भी जताया है.
जनपद झांसी स्थित मेडिकल कॉलेज के NICU में घटित एक दुर्घटना में हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुःखद एवं हृदयविदारक है।
जिला प्रशासन तथा संबंधित अधिकारियों को युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्यों को संचालित कराने के निर्देश दिए हैं।
प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं…
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 15, 2024
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिया संज्ञान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दर्दनाक घटना का संज्ञान लिया और उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक को झांसी भेजने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा, प्रमुख स्वास्थ्य सचिव भी घटनास्थल पर पहुंचने के लिए रवाना हो गए हैं. सीएम ने इस हादसे की जांच के लिए 12 घंटे के भीतर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है, और कमिश्नर एवं डीआईजी ने जांच शुरू कर दी है.
धुआं उठते ही मच गई अफरा-तफरी
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, रात करीब पौने ग्यारह बजे एसएनसीयू वार्ड से धुआं निकलता हुआ देखा गया, जिसके बाद वहां हड़कंप मच गया. इसके कुछ ही समय बाद आग की लपटें उठने लगीं और देखते ही देखते आग ने पूरी वार्ड को अपनी चपेट में ले लिया. शुरुआती प्रयासों के बावजूद नवजातों को सुरक्षित बाहर निकालने में परेशानी आई, क्योंकि दरवाजे पर आग लगी हुई थी और धुएं की घनी परत थी.
दमकल के पहुंचने पर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया और नवजातों को बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक 10 शिशुओं की मौत हो चुकी थी. घटनास्थल पर भारी संख्या में रोते-बिलखते परिजन पहुंचे हुए थे.
बिजली काटी गई, बचाव कार्य जारी
घटना के बाद मेडिकल कॉलेज की बिजली काट दी गई, और अब तक 30 से ज्यादा बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है. प्रशासनिक अधिकारियों, जिलाधिकारी और सेना के अधिकारियों ने घटनास्थल पर पहुंचकर बचाव कार्यों की निगरानी की.
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यह घटना अस्पताल के लिए एक बड़ा संकट बन गई है और पूरे परिसर में शोक का माहौल है. हादसे के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन जांच जारी है.
-भारत एक्सप्रेस