सांकेतिक फोटो
मध्यप्रदेश के जबलपुर में पदस्थ सेंट्रल जीएसटी के डिप्टी कमिश्नर और चार निरीक्षकों को गुटका कारोबारी से सात लाख रुपये की रिश्वत लेना महंगा पड़ गया. सीबीआई ने डिप्टी कमिश्नर कपिल कामले सहित चार इंस्पेक्टरों को रंगेहाथों दबोच लिया और पूछताछ जारी है. इनके कार्यालय से 21 लाख रुपये मिलने की बात भी सामने आ रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राजस्थान के दौसा के रहने वाले त्रिलोक चंद सेन ने दमोह के पास नोहटा में पान मसाला फैक्ट्री डाली थी.
फैक्ट्री को दोबारा चालू कराने के लिए मांगी थी एक करोड़ की रिश्वत
इसी साल 19 मई को सेंट्रल जीएसटी की टीम ने छापा मारा और उनसे 10 लाख रुपए का कर बकाया बताते हुए रिकवरी निकाली, इसके चलते फैक्टरी बंद थी. उसके बाद सेंट्रल जीएसटी के अधिकारियों और कारोबारी त्रिलोक चंद्र के बीच सौदा हुआ और जीएसटी के अधिकारियों की ओर से एक करोड़ की मांग हुई, लेकिन मामला कम में तय हुआ. 25 लाख रुपए व्यापारी पहले दे चुका था और सात लाख देने की बात पर उसने सीबीआई में शिकायत की.
रिश्वत लेते सीबीआई की टीम ने आरोपियों को रंगेहाथ पकड़ा
त्रिलोक चंद ने मीडिया को बताया कि उसने परेशान होकर अधिकारियों की शिकायत सीबीआई से की. इसके बाद डिप्टी कमिश्नर कामले और उनके साथियों को रंगेहाथ पकड़ने की योजना बनाई गई, जिसके तहत रसल चौक के करीब स्थित कार्यालय में मंगलवार शाम को उसने पान मसाले के थैले में सात लाख रुपये अपने मैनेजर को भेजे. जैसे ही रुपए डिप्टी कमिश्नर को दिए गए, सीबीआई की टीम ने आरोपियों को रंगेहाथों पकड़ लिया.
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सीबीआई ने ऑफिस से डिप्टी कमिश्नर कपिल कामले के अलावा चार इंस्पेक्टर को दबोच लिया. सभी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है. इस दौरान उनके दफ्तर से 21 लाख रुपए मिलने की बात भी सामने आ रही है.
-भारत एक्सप्रेस
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