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Leopard ने यूपी के लखीमपुर खीरी में मचाया कोहराम, बच्‍चे की मौत के बाद ग्रामीणों का प्रदर्शन; पुलिस पर हुआ पथराव

लखीमपुर खीरी के सदर कोतवाली क्षेत्र में तेंदुए के जानलेवा हमले से नाराज ग्रामीण सड़क पर उतरे. आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस पर पत्‍थरबाजी की. पत्‍थरबाजी में पुलिस के वाहनों के शीशे टूट गए. झड़प में कई लोग चोटिल हुए.

Leopard Attack In Lakhimpur Kheri

लखीमपुर खीरी में तेंदुए के हमलों के विरोध में लोगों ने प्रदर्शन किया. पुलिस से झड़प हुई.

हर्ष गुप्ता, लखीमपुर खीरी 


उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में तेंदुए के हमलों से लोग सहमे हुए हैं. यहां शनिवार को तेंदुआ एक 11 साल के बच्‍चे को उसके पिता के सामने ही खींच ले गया था, और उसे अपना निवाला बना लिया था. बच्‍चे की मौत के बाद स्‍थानीय लोगों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया.

स्‍थानीय लोग आज सदर कोतवाली क्षेत्र के गांव गंगाबेहड़ में विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. संवाददाता के अनुसार, शनिवार की घटना के बाद एक तेंदुए ने रविवार को भी इंसानों पर हमला कर दिया. इस घटना को लोगों ने पुलिस एवं वनविभाग की लापरवाही बताया. लोगों का का कहना है कि पुलिस एवं वनविभाग की ओर से जंगली जानवरों को पकड़ा नहीं जा रहा. इस कारण आमजन पर जानलेवा हमले हो रहे हैं.

फोटो— लोगों को समझाते बुझाते-पुलिसकर्मी
फोटो— लोगों को समझाते बुझाते-पुलिसकर्मी

स्‍थानीय पुलिस की टीम जब लखीमपुर के एक रास्‍ते से जाम खुलवाने पहुंची तो वहां लोगों से कहा-सुनी हो गई. देखते ही देखते वहां पथराव होने लगा. उस दौरान कोतवाल की गाड़ी का शीशा टूट गया. हालात काबू करने के लिए बाद में और पुलिस बुलवाई गई. अब मौके पर एसडीएम सदर सहित जनपद के कई थानों की पुलिस-फोर्स मौजूद है.

Leopard In Lakhimpur Kheri
सड़क जाम होने पर ऐसे अव्यवस्था फैल गई थी.

तेंदुए ने छोटू को पिता के सामने नोंच खाया था

ग्रामीणों ने बताया कि शनिवार की रात एक तेंदुए ने गंगाबेहड़ गांव निवासी मुन्नर अली के 11 साल के बेटे पर हमला कर दिया था. उसे देखकर मुन्नर अली ने शोर मचाया. लेकिन, जब तक लोग इकट्ठा होते, बेटे (11 वर्षीय छोटू) को तेंदुआ खींचकर एक पेड़ पर ले जा चुका था. उसे बचाने के लिए अली नीचे से शोर मचाते रहे, लेकिन तेंदुआ उनके बेटे को वहीं मारकर खा गया. इस घटना के बाद गांववाले आक्रोशित हो गए.

ग्रामीणों का आरोप- कुछ नहीं कर रहा विभाग

ग्रामीणों का कहना है कि जंगली जानवरों के हमलों से बचाव के लिए पुलिस-प्रशासन और वन विभाग के अधिकारी कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे. तेंदुए पकड़ने के लिए वन विभाग की तरफ से न तो कोई पिंजरा लगाया गया है, न ही अन्‍य व्यवस्था की गई है.

यह भी पढिए- पिता के हाथ से पुत्र को खींच ले गया तेंदुआ, पेड़ पर बैठकर बनाया निवाला

– भारत एक्‍सप्रेस



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