Bharat Express

2 जुलाई को कोकिला व्रत, अविवाहित लड़कियों और महिलाओं के लिए है खास, जानें शुभ मुहूर्त-महत्व और पूजा विधि

Kokila Vrat 2023: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माता सती ने कोकिला के रूप में सैकड़ों सालों तक भगवान शिव को पाने के लिए कठोर तपस्या की थी.

Kokila-vrat

कोकिला व्रत

Kokila Vrat 2023: हर वर्ष आषाढ़ पूर्णिमा तिथि पर कोकिला व्रत रखा जाता है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष तौर पर पूजा-उपासना की जाती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माता सती ने कोकिला के रूप में सैकड़ों सालों तक भगवान शिव को पाने के लिए कठोर तपस्या की थी. इसीलिए ये व्रत किया जाता है. मान्यताओं के अनुसार कोकिला व्रत कुंवारी कन्याओं के लिए बहुत ही खास होता है.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कोकिला व्रत करने और इस दिन पूरी श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ भगवान शिव और मां पार्वती का ध्यान और पूजा से कुंवारी कन्याओं को योग्य और सर्वगुण संपन्न पति मिलता है. वहीं विवाहित स्त्रियां अगर ये व्रत करती हैं तो उन्हें सुख, सौभाग्य और उत्तम संतान की प्राप्ति होती है. अविवहित लड़कियों के विवाह में चली आ रही बाधाएं भी इस व्रत को करने से दूर होती हैं और व्रत के पुण्य से शीघ्र शादी के योग बनने लगते हैं. इसके पीछे प्रमुख कारण यह है कि मां सती ने भी भगवान शिव को पाने के लिए कोकिला व्रत किया था.

इस विधि से करें कोकिला व्रत

मनोकामना पूर्ति हेतु महिलाएं कोकिला व्रत रखती हैं. कोकिला व्रत करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें. इसके बाद साफ वस्त्र धारण करते हुए आचमन कर व्रत का संकल्प लें और सूर्य देवता को अर्घ्य दें. इसके बाद घर में पूजा के स्थान पर एक लकड़ी की चौकी पर साफ लाल रंग का कपड़ा बिछाकर भगवान शिव और पार्वती जी की प्रतिमा या तस्वीर की स्थापना करें.

पूजा से पहले भगवान शिव को अर्पित करने के लिए भांग, बेल पत्र, लाल फूल, धतूरा, केसर आदि चीजें एकत्रित कर लें. भोग के रूप में मिठाइयां और मौसमी फल भी साथ रख लें. इसके बाद भगवान शिव का ध्यान करें और फिर शिव की चालीसा का पाठ करें और शिव मंत्र का जाप कर आरती करें. वहीं शाम को एक बार फिर पूरे शिव परिवार की आरती करना न भूलें. इस दिन कोयल की पूजा का भी विधान है. इसके अलावा इस दिन की कथा भी सुनने का विशेष महत्व है.

जानें कोकिला व्रत का शुभ महूर्त

कोकिला व्रत (Kokila Vrat) हर साल आषाढ़ महीने की पूर्णिमा के दिन रखा जाता है. इस बार यह 02 जुलाई को पड़ रही है. इस दिन शुभ मुहूर्त (Muhurat) शाम को 8 बजकर 21 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 3 जुलाई को सुबह 5 बजकर 8 मिनट तक रहेगा.

इसे भी पढ़ें: July 2023 Vrat & Festival List: जुलाई माह में गुरु पूर्णिमा और कामिका एकादशी समेत पड़ रहे हैं ये व्रत-त्योहार, जानें तिथि और महत्व

शादी में बाधा आने पर करें यह उपाय

शादी में बाधा आने पर आषाढ़ पूर्णिमा यानी कोकिला व्रत तिथि पर पूरे विधि विधान से वट वृक्ष की पूजा करें. वहीं पूजा के दौरान वट वृक्ष की 108 बार परिक्रमा करें. इसके बाद वट वृक्ष में लाल धागा बांधकर सभी देवी देवताओं से शीघ्र विवाह की कामना करें.

Also Read