शिरडी और दिल्ली का गौरी शंकर मंदिर
Guru Purnima: आज सुबह से ही पूरे देश में गुरु पूर्णिमा का पर्व धूम-धाम से मनाया जा रहा है. हर साल आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है. इस अवसर पर दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र तक देश के तमाम मंदिरों में आज सुबह से ही श्रद्धालु पूजा पाठ कर रहे हैं. वहीं यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में पूजा की. बता दें कि हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था और यह पूर्णिमा उन्हीं को प्रथम गुरु मानकर मनाई जाती है, इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है.
#WATCH गोरखपुर (उत्तर प्रदेश): मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में पूजा की।
(वीडियो सोर्स: गोरखनाथ मंदिर प्रशासन) pic.twitter.com/LCh7CymK3f
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 3, 2023
गुरु पूर्णिमा के दिन महर्षि वेदव्यास की विशेष तौर पर पूजा होती है. सनातन धर्म में महर्षि वेदव्यास को प्रथम गुरु का दर्जा प्राप्त है. सबसे पहले मनुष्यों को वेदों की शिक्षा उन्होंने ही दी थी. देश में गुरु पूर्णिमा के अवसर कई जगहों पर गुरु पूजन का विशेष आयोजन किया जा रहा है. दिल्ली में आज सुबह से ही गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गौरी शंकर मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा रही है. यहां पहुंचे श्रद्धालू पूरे भक्ति भाव से पूजा-अर्चना करते देखे गए.
#WATCH दिल्ली: गुरु पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं ने गौरी शंकर मंदिर में पूजा-अर्चना की। pic.twitter.com/3rJXYZBAZA
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शिरडी मंदिर में 3 दिवसीय गुरु पूर्णिमा उत्सव
महाराष्ट्र स्थित प्रसिद्ध शिरडी मंदिर में आज से 3 दिवसीय गुरु पूर्णिमा उत्सव शुरू हो गया. उत्सव के लिए साईं मंदिर को आकर्षक बिजली रोशनी से सजाया गया है. इसके अलावा साईं मंदिर परिसर और गर्भगृह को फूलों से सजाया गया है. यहां पर भी आज सुबह से ही बड़ी संख्या में भक्त साईं बाबा का दर्शन और पूजन के लिए पहुंच रहे हैं. इस दौरान बाबा की भक्ति में लीन भक्त पालखा साईंनामा गाते हुए दिखे. गुरु को समर्पत गुरु पूर्णिमा उत्सव साईं बाबा के प्रसिद्ध शिरडी मंदिर में तीन दिनों तक मनाया जाता है. इस दौरान देश के कोने-कोने से लोग यहां चलने वाले उत्सव में शामिल होते हैं.
साईं की जीवनी का पाठ
गुरु पूर्णिमा के अवसर पर शिरडी में काकड़ आरती के बाद साईं की मूर्तियों और समाधियों की स्थापना की जाती है. वहीं तीन दिन तक चलने वाले इस उत्सव के पहले दिन द्वारकामाई में विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर साईं चरित्र के अखंड पारायण का पाठ शुरू किया गया. इस दौरान भक्त लगातार पूरे श्रद्धा भाव से साईं की जीवनी का पाठ करेंगे और कल सुबह इसका समापन किया होगा.
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