यूएन में पाकिस्तान फिर हुआ शर्मसार
पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने की कोशिशों से बाज नहीं आ रहा है. पाकिस्तान हर अंतर्राष्ट्रीय मंच पर कश्मीर मुद्दे को हवा देता रहा है. चाहे वह संयुक्त राष्ट्र संघ का मंच हो या ओआईसी का फोरम. बावजूद इसके उसे किसी भी देश का समर्थन नहीं मिला.केवल अगर टर्की और चीन को छो़ड़ दें तो कश्मीर पर पाकिस्तान को किसी भी देश का समर्थन नहीं मिलता. हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान के विदेश मंंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कश्मीर के मुद्दे को उठाया लेकिन बदले में उन्हें मुंह की ही खानी पड़ी.मतलब पाकिस्तान चला था चौबे बनने, भारत ने उसे दुबे बनाकर भेजा. यूएन में पाकिस्तान को फिर शर्मसार होना पड़ा.
भारत का करारा जवाब
पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भारत पर निशाना साधते हुए कश्मीर का राग फिर से अलापा. उन्होंने न्यूयार्क में कहा कि कहा कि इस्लामाबाद ने भारत के साथ संबंधों के फिर से जोड़ने के कोई संकेत नहीं देखे हैं. इस मुद्दे पर भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए कहा कि कश्मीर भारत का हिस्सा था और हमेशा रहेगा.
📺Watch: Mr. Srinivas Gotru, Joint Secretary (UNES) speak at the @UN High-Level Meeting on the Rights of Minorities @MEAIndia pic.twitter.com/ikhvQB96Oj
— India at UN, NY (@IndiaUNNewYork) September 21, 2022
अमेरिकी मदद पर पल रहा पाकिस्तान
बिलावल भुट्टो ने कहा कि पाकिस्तान के लिए भारत के साथ संबंध को फिर से स्थापित करना काफी कठिन हो गया है. असल में पाकिस्तान की हालत तरस खाने लायक हो गयी है. बिलावल ने कहा कि, ‘अमेरिकी और पाकिस्तान के संबंध अपनी योग्यता के आधार पर खड़े हैं. हमारे बीच ऐतिहासिक संबंध हैं।’ऐसा कहते वक्त बिलावल भुट्टो शायद भूल गये कि यहां योग्यता जैसी कोई बात नहीं है. बरसों से पाकिस्तान अमेरिका के टुकड़ों पर पलता आया है. आज भी बाढ़ राहत के नाम पर अमेरिका ही उसकी सबसे ज्यादा मदद कर रहा है. हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति ने उसे 2.9 बिलियन डॉलर की मदद दी है. इससे पहले अमेरिका पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमानों के अपग्रेडेशन के लिए 45 करोड़ की मदद कर चुका है.
बाढ़ और भुखमरी के बावजूद पाकिस्तान की हनक
इस वक्त 70 फीसदी पाकिस्तान सैलाब की ज़द में है और पाकिस्तान को कश्मीर याद आ रहा है. पाकिस्तान के सिंध और बलूचिस्तान जैसे सूबों में हाहाकार मचा है, विदेशों से मिल रही मानवीय मदद अवाम तक नहीं पहुंच पा रही. बाढ़ग्रस्त इलाकों में लोग मलेरिया और हैपेटाइटिस जैसी बीमारी से मर रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान को कश्मीर चाहिए.
ओआईसी से भी दिलवाया बयान
पाकिस्तान ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए 57 इस्लामिक देशों के संगठन(OIC) से भी दबाव डलवाया है. उसने भी कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान की तरफदारी की है. लेकिन इस मामले में सउदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ने पाकिस्तान का खुलकर साथ नहीं दिया है लेकिन टर्की ने इस मुद्दे को उठा है लेकिन भारत ने टर्की को भी करारा जवाब दे दिया है, भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने टर्की के विदेश मंत्री से साफ कह दिया है कि अगर वह भारत के एतराज के बावजूद कश्मीर मुद्दे को हवा देंगे तो भारत भा साइप्रस पर बात करेगा.जाहिर है टर्की काक साइप्रस के साथ बहुत गंभीर विवाद है
-भारत एक्सप्रेस
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