सोमनाथ मंदिर
Sawan 2023: 4 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो चुका है, जोकि 31 अगस्त तक चलेगा. भगवान शिव को सावन का महीना बेहद ही प्रिय है. सावन के इस पावन महीने में श्रद्धालु देश के प्रसिद्ध शिव मंदिरों में पूजा पाठ और भगवान शिव के दर्शन करने जाते हैं. राहु केतु जैसे ग्रहों से पीड़ित होने पर या कालसर्प जैसे दोषों से मुक्ति के लिए देश के कई पवित्र मंदिरों में भगवान शिव की विशेष विधियों से आराधना की जाती है. वहीं एक ऐसा मंदिर भी है जहां सावन माह में शिवलिंग के दर्शन कर चंद्र दोष से मुक्ति पाई जा सकती है. इस मंदिर को धरती के पहले ज्योतिर्लिंग का दर्जा प्राप्त है और यह मंदिर है सोमनाथ मंदिर.
माना जाता है कि इसी स्थान पर चंद्रदेव की साधना से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने दर्शन देकर उन्हें दोष मुक्त किया था.
चंद्रदेवता को मिली थी श्राप से निजात
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार पुरातन समय में राजा दक्ष ने चंद्रदेव के साथ अपनी 27 कन्याओं की शादी की थी. वहीं बावजूद इसके चंद्रदेव ने एकमात्र रोहिणी को ही अपनी पत्नी का दर्जा दिया था. उधर राजा दक्ष जब चंद्रदेव को समझाने की कोशिश की तो वह समझने को तैयार नहीं हुए. निराश होकर राजा दक्ष ने उन्हें कुष्ठ रोगी होने का श्राप दे दिया. श्राप मिलने से दुखी होकर चंद्र देवता ब्रह्मा जी के के पास गए. उन्होंने ब्रह्म जी को अपने साथ हुई घटना के बारे में पूरी जानकारी दी ऐसे में ब्रह्मा ने उनसे कहा कि उन्हें श्राप से मुक्ति केवल भोलेनाथ की दिला सकते हैं. इसके लिए उन्हें अरब सागर में स्नान करने के बाद भोलेनाथ की पूजा करनी होगी. चंद्र देव समस्या का समाधान समाधान पाकर खुश हो गए. उन्होंने उन्होंने यह कठिन तपस्या की और उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भोलेनाथ ने उनको साफ से मुक्त कर दिया.
उसी के बाद कहा जाता है कि चंद्र देव ने भगवान शंकर का विशाल मंदिर बनवाया और उसमें स्थापित ज्योतिर्लिंग का नाम सोमनाथ रखा गया. ज्योतिष में भी सोमनाथ ज्योतिर्लिंग का विशेष महत्व है.
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मिलती है इस दोष से निजात
कुंडली में अशुभ चंद्रमा के होने पर या चंद्रमा से ग्रसित होने पर सोमनाथ ज्योतिर्लिंग की पूजा करने से राहत मिलती है. इसके अलावा मान्यता है कि छय रोग के अतिरिक्त मानसिक रोगों से भी सोमनाथ ज्योतिर्लिंग की पूजा करने से निजात मिलती है.
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