पीएफआई के ठिकानों पर फिर छापेमारी
नई दिल्ली– राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के ठिकानों पर एक बार फिर से छापेमारी की है.असम, कर्नाटक, महाराष्ट्र और दिल्ली समेत कुछ राज्यों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के कार्यकर्ताओं के घर पर पुलिस की छापेमारी चल रही है. असम में 21 लोग गिरफ्तार भी किए गए हैं. वहीं कर्नाटक और महाराष्ट्र से भी कई लोग हिरासत में लिए गए हैं. दिल्ली में भी कई जगहों पर पीएफआई से जुड़े लोगों पर छापेमारी चल रही है. राजधानी दिल्ली के जामिया, निजामुद्दीन, रोहिणी में में छापे मारे गये हैं. पूर्वी दिल्ली से चार लोग हिरासत में लिए गए हैं. इसी प्रकार कर्नाटक में भी कार्रवाई जारी है और पुलिस ने संगठन के 45 सदस्यों को हिरासत में लिया है.
पीएफआई पर पाबंदी की मांग
उत्तरी कर्नाटक के बेलागवी, गडग, बीजापुर, पड़ोसी जिले बेंगलुरु कोलार और बेंगलुरु ग्रामीण, उडुपी के तटीय जिले में विभिन्न स्थानों पर सुबह 4 बजे छापेमारी शुरू हुई.पॉपुलर फ्रंट के खिलाफ ये कार्रवाई खुफिया इनपुट्स के आधार पर की गयी है.संगठन पर पाबंदी लगाये जाने की मांग लगातार की जा रही है.
सूत्रों ने कहा कि पीएफआई नेताओं ने हाल ही में एनआईए के छापे के जवाब में समाज में हिंसा भड़काने और आरएसएस नेताओं और कार्यालयों पर हमला करने के लिए विदेशों से पैसा जमा किया है. 23 सितंबर को बेंगलुरु, बीदर, रायचूर, चामराजनगर, मैसूर, बेंगलुरु ग्रामीण और कोलार जिलों में छापेमारी की गई. अकेले बेंगलुरु में 15 पीएफआई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया
सदस्यों की गिरफ्तारी का विरोध
एडीजीपी (कानून व्यवस्था) आलोक कुमार व्यक्तिगत रूप से राज्यभर में छापेमारी की निगरानी कर रहे हैं. बेलगावी पुलिस ने पीएफआई के पांच सदस्यों को हिरासत में लिया है, जिन्होंने प्रदर्शन कर राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध किया था और अपने नेताओं की गिरफ्तारी का विरोध किया था. कोलार में पीएफआई के छह नेताओं को गिरफ्तार किया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है.
तटीय जिले उडुपी में पुलिस टीमों ने एक साथ चार स्थानों पर छापेमारी कर चार से अधिक नेताओं को हिरासत में लिया है।
एडीजीपी आलोक कुमार ने तस्दीक करते हुए बताया कि 45 पीएफआई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है. उन्होंने कहा कि उन्हें हिंसा में शामिल होने से रोकने के लिए एहतियाती उपाय के तौर पर राज्यव्यापी छापेमारी की गई है.
–भारत एक्सप्रेस/आईएएनएस