ज्ञानवापी पर कोर्ट के फैसले का इंतजार
वाराणसी- काशी में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग और फव्वारे के होेने के बीच अदालत में सुनवाई चल रही है. मस्जिद में सर्वे में मिले ‘शिवलिंग’ की कार्बन डेटिंग होगी या नहीं, इस पर कोर्ट का आदेश 7 अक्टूबर को आएगा. इस मामले पर एक दिन पहले यानि गुरुवार को सुनवाई हुई है. इस सुनवाई के दौरान जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने 7 अक्टूबर की तारीख तय की है.
29 सितंबर को जिला कोर्ट में सुनवाई के दौरान वादिनी राखी सिंह के वकील ने कार्बन डेटिंग न कराए जाने की मांग की तो वहीं चार अन्य वादियों के एडवोकेट विष्णु शंकर जैन ने कार्बन डेटिंग या साइंटफिक जांच करवाकर उसकी प्राचीनता का पता लगाने की गुहार लगाई है.
सुनवाई के दौरान वादी की ओर से सीनियर एडवोकेट हरिशंकर जैन और विष्णु जैन ने 16 मई को कोर्ट कमीशन की कार्यवाही में मिली शिवलिंग जैसी आकृतिनुमा चीज की कार्बन डेटिंग की बात रखी थी. उन्होंने सुनवाई के दौरान कहा कि, “हमने आकृतिनुमा चीज के नीचे अरघे और आसपास की जांच मांग की है. इस बीच उन्होंने कहा कि हम भी नहीं चाहेंगे कि शिवलिंग से छेड़छाड़ हो, लेकिन जांच से यह पता चलेगा कि शिवलिंग कितना पुराना, लंबा, ऊंचा और गहरा है.”
वहीं मुस्लिम पक्ष की तरफ से एडवोकेट अंजुमन इंतजामिया , मुमताज अहमद, और एखलाक अहमद ने कहा कि शिवलिंग पत्थर का होता है. इसलिए उसकी कार्बन डेटिंग नहीं हो सकती है. उन्होने सुनवाई के दौरान कहा कि कार्बन डेटिंग जीवित चीज की होती है. उन्होंने कहा कि इस आकृति को लेकर भ्रमित किया जा रहा है यह शिवलिंग नहीं बल्कि फव्वारा ही है.
गुरुवार को जिला कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान मस्जिद पक्ष के वकीलों ने कहा कि “सुप्रीम कोर्ट ने फव्वारे को सुरक्षित व संरक्षित रखने का आदेश दिया है. ऐसे में उस पर जांच के लिए केमिकल डालने पर उसका नुकसान होगा. ऐसे में कार्बन डेटिंग का आवेदन खारिज होने योग्य है.”
-आईएएनएस/ भारत एक्सप्रेस
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