तुर्किए के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन और पीएम मोदी
दिल्ली में आयोजित हुए जी-20 समिट में शामिल होने पहुंचे तुर्किए के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने यूएनएससी में भारत की सदस्यता की वकालत की है. एर्दोगन ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि दुनिया पांच देशों से कहीं बड़ी है. अगर भारत को UNSC की स्थायी सदस्यता मिलती है तो उन्हें गर्व महसूस होगाा. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि गैर स्थायी सदस्यों को भी एक रोटेशनल वे में सदस्य बनने का मौका मिलना चाहिए.
UNSC में भारत को मिले स्थायी सदस्यता
तुर्किए के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि UNSC में पांच स्थायी सदस्य हैं. जिसमें अमेरिका, फ्रांस, चीन, रूस और ब्रिटेन शामिल हैं, लेकिन दुनिया इन पांच देशों से कहीं ज्यादा बड़ी है. उन्होंने कहा कि अगर भारत जैसे देश को यूएनएससी की स्थायी सदस्यता मिलती है तो तुर्किए को गर्व होगा.
सभी देशों को सदस्य बनने का मिले मौका
एर्दोगन ने ये भी कहा कि सभी देशों को संयुक्त राष्ट्र का बारी-बारी से सदस्य बनने का मौका मिले. अभी फिलहाल 15 देश इसके सदस्य हैं. जिसमें पांच स्थायी और 10 रोटेशनल सदस्य हैं. इसलिए अस्थायी सदस्य वाले देशों को भी स्थायी सदस्यता दी जाए. उन्होंने कहा कि ” हम एक ऐसे मैकेनिज्म की बात कर रहे हैं जिससे 195 देशों को सदस्य बनने का मौका मिलना चाहिए.
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दो साल में दो बार एर्दोगन से मिले पीएम मोदी
बता दें कि जब ये बातें एर्दोगन कह रहे थे तो लोग काफी अचंभित थे, क्योंकि एर्दोगन हमेशा से पाकिस्तान के पक्ष में खड़े रहे हैं. जो कश्मीर के मुद्दे पर भी भारत के खिलाफ बयानबाजी करते रहे हैं, लेकिन इस सब के बावजूद भी पीएम मोदी की पिछले दो सालों में दूसरी बार तुर्किए के राष्ट्रपति एर्दोगन के साथ द्विपक्षीय वार्ता हुई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एर्दोगन से 2022 में समरकंद में हुए एससीओ शिखर सम्मेलन में मिले थे.
-भारत एक्सप्रेस
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