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Nipah Virus: निपाह वायरस से दो लोगों की मौत, अलर्ट मोड में सरकार, जानिए इसके लक्षण और बचाव

केरल में दो लोगों की मौत के बाद निपाह वायरल के फैलने की आशंका जताई जा रही है. केरल के कोझिकोड में दो लोगों की बुखार से मौत हो गई. जिसके बाद पूरे प्रदेश में सरकार ने अलर्ट जारी कर दिया है.

केरल में निपाह वायरस के फैलने की आशंका

केरल में दो लोगों की मौत के बाद निपाह वायरल के फैलने की आशंका जताई जा रही है. केरल के कोझिकोड में दो लोगों की बुखार से मौत हो गई. जिसके बाद पूरे प्रदेश में सरकार ने अलर्ट जारी कर दिया है. वहीं मृतक के एक रिश्तेदार को डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है. जहां व्यक्ति के स्वास्थ्य पर लगातार नजर रखी जा रही है.

राज्य सरकार हुई अलर्ट

बुखार से दो लोगों की मौत की सूचना मिलते ही राज्य सरकार ने स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज की अध्यक्षता में एक हाई लेवल मीटिंग बुलाई है. जिसमें निपाह वायरल के संभावित खतरे और इसे फैलने से रोकने पर चर्चा होने की उम्मीद की जा रही है.

2018 में 7 लोगों की हुई थी मौत

इससे पहले साल 2018 में निपाह वायरस के 23 मामले सामने आए थे. 17 लोगों की मौत भी निपाह वायरस से हो गई थी. अब एक बार फिर से निपाह वायरस को लेकर लोगों में डर फैलने लगा है. जिसको लेकर सरकार ने एहियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं.

चमगादड़ से इंसानों में फैलता है निपाह वायरस

निपाह वायरस एक जेनेटिक वायरस है जो जानवरों से इंसानों में फैलता है. इस वायरस का नाम मलेशिया के एक गांव के नाम पर पड़ा है. जहां सबसे पहले इस वायरस के मिलने की पुष्टि की गई थी. निपाह वायरस फ्लाइंग फॉक्स नाम के चमगादड़ से फैलता है. निपाह वायरस से पीड़ित चमगादड़ों के जरिए ये वायरस इंसानों के शरीर में प्रवेश कर जाता है. निपाह वायरस के फैलने को लेकर कहा जाता है कि ये लार या फिर दूसरे तरह के लिक्विड, जो इंसानों के शरीर में पाए जाते हैं, उनके संपर्क में आने पर फैलता है. संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से ये वायरस दूसरे लोगों में पहुंच जाता है.

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निपाह वायरस को लेकर WHO ने कही ये बात…

निपाह वायरस से संक्रमित होने पर सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. इसके अलावा इसका असर सबसे ज्यादा मस्तिष्क पर पड़ता है. जिसे इन्सेफ्लाइटिस कहते हैं. ये वायरस दिमाग में सूजन की समस्या भी पैदा करता है. जिससे बुखार आने के बाद सिरदर्द, खांसी और सांस लेने में परेशानी होती है. निपाह वायरस से संक्रमित व्यक्ति को उल्टियां भी होने लगती हैं. साथ ही अधिक गंभीर होने पर व्यक्ति कोमा में भी जा सकता है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक निपाह वायरस संक्रमण के मामले में मृत्यु दर 40 से लेकर 75 फीसदी के बीच होती है. डब्ल्यूएचओ की तरफ से कहा गया है कि निपाह वायरस के लिए अभी तक कोई टीका या फिर दवा नहीं है. इसलिए इसे रोकने का सबसे आसान तरीका लोगों को इस वायरस के प्रति जागरूक करना है. लोग फल-सब्जियों को अच्छी तरह से साफ करने के बाद भी खाएं. संक्रमितों के संपर्क में आने से बचें.

-भारत एक्सप्रेस



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