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अपनी नहीं, दूसरों की दीवाली रोशन करेंगे आगरा जेल के कैदी,बना रहे हैं गाय के गोबर के दिये

कैदी बना रहे हैं गाय के गोबर के दिये

जेल में अपने गुनाहों की सजा काट रहे कैदी भले ही दिवाली में अपनों से दूर हैं. लेकिन वो दूसरों की खुशियों का जरिया बन रहे हैं. आगरा की इस जेल में बंद कैदी गाय के गोबर से दीपावली पर घरों को रोशन करने वाले दीपकों का निर्माण कर रहे हैं. करीब 7 दिनो से यह बंदी दीपक बना रहे हैं और दीपावली तक करीब 1 लाख दीपकों का बंदी निर्माण कर लेंगे. इसके लिए वह गाय के गोबर का प्रयोग कर रहे हैं.

जेल प्रशासन बंदियों से सवा लाख दीये तैयार करवा रहा है. इन दियो को 50 पैसे प्रति दीये के हिसाब से बेचा जाएग. इन दियों को जेल के बाहर स्टाल लगाकर आम लोगों में भी बिक्री की जाएगी. 50 हजार दीये गायत्री परिवार को दिए जाएगें.

जेल सुपरिटेंडेंट पीडी सलोनिया ने बताया कि, जिला जेल में मौजूद बंदी कई सारे काम करते हैं. दीवाली का त्योहार आने वाला है, ऐसे में वह इस बार गाय के गोबर से दीपक बनाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि आगरा में आवल खेड़ा में मौजूद गायत्री शक्तिपीठ पर वह भ्रमण करने गए थे. ऐसे में उन्होंने गायत्री शक्तिपीठ द्वारा प्रयोग किए जा रहे गाय के गोबर से बने दीपक देखे थे. जिसके बाद उन्होंने इसकी प्रक्रिया के बारे में शक्तिपीठ के कर्मचारियों से बात की और जिला जेल में दीपावली से पहले ऐसे दीपकों का निर्माण शुरू करवा दिया.

आगरा जेल में  6 से 7 बंदी कई दिनों से दीपकों बना रहे हैं. यहां गाय के गोबर से दीपक बनाए जा रहे हैं. दरअसल, जिला जेल में एक गौशाला है. जिसमें 80 से 85 गाय पाली गई हैं. इन सभी गाय से जो गोबर इक्ट्ठा किया जाता है उस गोबर का जिला जेल पहले भी कई बार उपयोग कर चुकी है. इससे पहले जिला जेल के कैदियों ने गाय के गोबर से ही लकड़ियों का निर्माण किया था. जिसकी बिक्री  गई थी.

-भारत एक्सप्रेस



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