मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (फाइल फोटो)
देश के 5 राज्यों में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. जिसको लेकर सभी राजनीतिक दल अपना-अपना पासा फेंक रहे हैं. जिससे सत्ता की कुर्सी तक पहुंचा जा सके. इसी बीच अशोक गहलोत ने बिहार की तर्ज पर राज्य में जातीय गणना कराने का फैसला किया है. इसको लेकर सरकार ने अधिसूचना भी जारी कर दी है. अधिसूचना जारी करते हुए राजस्थान की सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने कहा कि जाति जनगणना के सर्वेक्षण को राज्य मंत्रिमंडल द्वारा सहमति मिल गई है.
विशेष योजनाएं चलाकर लोगों का आर्थिक उत्थान किया जाएगा
राज्य में जाति जनगणना सर्वे के आधार पर विशेष योजनाएं चलाकर लोगों का आर्थिक उत्थान किया जाएगा. जिससे उनके जीवन में सुधार लाया जा सके. सरकार की तरफ से जारी की गई अधिसूचना में कहा गया है कि राज्य सरकार अपने संसाधनों के जरिए जाति आधारित सर्वे कराएगी. प्रदेश के सभी नागरिकों के जाति आधारित सर्वेक्षण से आर्थिक, शैक्षिक स्तर के संबंध में जानकारी और आंकड़े जुटाए जाएंगे. सर्वे का कार्य
जिला कलेक्टर को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया
जिला कलेक्टर के नेतृत्व में होगा सर्वेक्षण आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग कराएगा. इसके लिए आयोजना विभाग नोडल विभाग के रूप में कार्य करेगा. जाति आधारित सर्वेक्षण के लिए जिला स्तर पर जिला कलेक्टर को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है जो इस कार्य की निगरानी करेंगे.
यह भी पढ़ें- बीजेपी के पोस्टर में छपी तस्वीर से परेशान हुआ किसान, सीएम से मिलकर लगाई मदद की गुहार, गहलोत बोले- अगर बीजेपी…
बिहार सरकार ने जारी किया आंकड़ा
बता दें कि बिहार सरकार ने जातीय जनगणना का डेटा जारी किया कर दिया है. जिसको लेकर पूरे देश की सियासत गरमाई हुई है. बिहार से लेकर उत्तर, प्रदेश और दक्षिण भारत के राज्यों में भी जातीय गणना की मांग जोर-शोर से उठ रही है. विपक्ष जहां जातीय गणना को लेकर मोर्चा खोल रखा है, वहीं बीजेपी अब बिहार में आर्थिक सर्वे का डेटा जारी करने की बात कर रही है. बिहार में जारी किए गए जातीय गणना के आंकड़े के बाद तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. माना जा रहा है कि इसका असर पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और उसके बाद 2024 में लोकसभा चुनाव में भी दिखाई देगा. बिहार में जातीय गणना कराए जाने के विरोध में बीजेपी लगातार नीतीश कुमार की सरकार पर हमलावर हो रही थी. उसका कहना है कि नीतीश सरकार लोगों को बांटने का काम कर रहे हैं.
-भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.