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Uttarkashi Tunnel Rescue Operation: बौखनाग मंदिर टूटा तो भगवान की नाराजगी से हुआ टनल हादसा, उत्तरकाशी के लोगों ने किया दावा तो हुआ पुनर्निर्माण

Uttarkashi Tunnel Rescue Operation: उत्तराखंड में हुए सुरंग हादसे के लिए स्थानीय लोग, वहां का एक मंदिर तोड़ा जाना मुख्य वजह बता रहे हैं.

Uttarkashi Tunnel Rescue Operation: उत्तरकाशी में चल रहे टनल के निर्माण कार्य के दौरान हुए हादसे के चलते  सुरंग के अंदर 40 मजदूर फंसे हुए हैं, जिन्हें निकालने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. सिल्क्यारा गांव के पास की इस सुरंग में फंसे लोगों को निकालने के लिए पिछले कई दिनों से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगी हुई हैं. इस बीच यहां के स्थानीय लोगों ने दावा किया है कि यहां परियोजना के चलते मंदिर टूटने के चलते भगवान नाराज हो गए थे, जिसके चलते यह हादसा हुआ है. ऐसे  में पुनः सुरंग के पास एक मंदिर बनाया है और उसे भव्य देने की भी चर्चाएं जारी हैं.

दरअसल, उत्तराखंड के उत्तरकाशी में एक सुरंग धंस गई थी, जिसमें 78 राज्यों के 40 मजदूर फंसे हुए है. इसका रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. इसको लेकर स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि सुरंग बनाने वाली कंपनी ने सुरंग के रास्ते में आ रहे बाबा बैखनाग का मंदिर गिरा दिया है. इसके बाद ही हुए हादसे के चलते 40 मजदूर टनल में फंस गए. उन्हें निकालने के लिए आज भी प्रयास किए जा रहे हैं.

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मंदिर के पुजारी ने किया बड़ा खुलासा

मंदिर के पुजारी गणेश प्रसाद बिजल्वाण ने कहा है कि मजदूरों को बचाने के प्रयास विफल होने के बाद जब कोई रास्ता नहीं बचा तो  अधिकारियों को मंदिर तोड़ने की गलती का एहसास हुआ है. उन्होंने पुजारी से माफी मांगी और विशेष पूजा की बात की. इसके बाद टनल के पास ही एक छोटा मंदिर बनवाया और पूजा अर्चना की. जानकारी के मुताबिक इस रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद यहां पर मंदिर का विस्तार भी किया जाएगा.

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देवता की नाराजगी के चलते हुआ हादसा

जानकारी के मुताबिक बाबा बौखनाथ सिलक्यारा सहित क्षेत्र की तीन पट्टियों के ईष्ट देव हैं. यह नागराज का मंदिर है.  यहां बाबा बौखनाग की ही पूजा-अर्चना की जाती है. बौखनाग देवता को इलाके का रक्षक माना जाता है. ग्रामीणों का कहना है कि जहां सिलक्यारा सुरंग का निर्माण किया गया है, उसके पास ही देवता का मंदिर बनाए जाने की बात कही गई थी, लेकिन बाद में निर्माण में लगी कंपनी ने मंदिर नहीं बनाया. ग्रामीणों का मानना है कि देवता की नाराजगी के कारण ही यह हादसा हुआ है.

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सभी के सुरक्षित निकलने की कही बात

मंदिर का छोटा स्वरूप पुनः बनने के बाद सभी की सुरक्षा के लिए सुरंग के निकट का स्थान बाबा बौखनाग के मंदिर निर्माण के लिए छोड़ने की मांग की. पश्वा गणेश प्रसाद ने बताया कि देवता ने उन पर अवतरित होकर अंदर फंसे सभी श्रमिकों की सुरक्षा का आश्वासन दिया है. ग्रामीण राजेश सिलवाल ने कहा कि यहां बाबा बौखनाग की बहुत मान्यता है। यहां मंगसीर माह में बाबा का विशाल मेला भी लगता है. दावा किया जा रहा है कि अब मंदिर बन गया है, इसलिए जल्द ही मजदूरों के रेस्क्यू ऑपरेशन में सफलता मिलेगी और सभी लोग सुरक्षित होंगे.

-भारत एक्सप्रेस 

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