Earthquake Tremors: भूकंप की घटनाएं बीते कुछ दिनों से काफी बढ़ गई हैं. आए दिन भूकंप के झटके आ रहे हैं. जिसको लेकर लोग सहमे हुए हैं. इसी कड़ी में आज (28 नवंबर) सुबह तीन देशों में भूकंप के झटके महसूस किए गए. पाकिस्तान, चीन और न्यू पापुआ गिनी में ये झटके लोगों ने महसूस किए. पापुआ न्यू गिनी के उत्तरी तट पर 6.5 तीव्रता रिक्टर स्केल पर दर्ज की गई. भूकंप तट से करीब 20 किलोमीटर दूर प्रशांत द्वीप के पूर्वी सेपिक प्रांत की राजधानी वेवाक शहर से थोड़ी दूरी पर महसूस हुए.
इन देशों में आया भूकंप
इसके अलावा भारत पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान में भी भूकंप से धरती हिली. चीन के जिजांग में 5.0 तीव्रता और पाकिस्तान में 4.3 तीव्रता के झटके महसूस किए गए. हालांकि अभी तक तीनों देशों में किसी तरह की जनहानि होने की कोई खबर नहीं है. पाकिस्तान में तड़के सुबह 3 बजकर 38 मिनट पर, पापुआ न्यू गिनी में 3 बजकर 16 मिनट और चीन के जिजांग में 3 बजकर 45 मिनट पर भूकंप आया.
नेपाल में हुई थी 157 लोगों की मौत
हालांकि इन भूकंप के झटकों की तीव्रता ज्यादा होने के बाद भी कोई नुकसान नहीं हुआ है. बता दें कि हाल के दिनों में भारत, नेपाल, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में भूकंप की घटनाएं तेजी के साथ बढ़ी हैं. इसी महीने 3 नवंबर को नेपाल में आए तेज भूकंप में 157 लोगों की मौत हो गई थी. हजारों लोग घायल हो गए थे.
21 नवंबर को काबुल में आया था भूकंप
गौरतलब है कि 21 नवंबर को अफगानिस्तान के काबुल में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. मंगलवार को आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.1 मापी गई. भूकंप का केंद्र 73 किलोमीटर जमीन के नीचे बताया गया था.
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ढाई हजार लोगों की हुई थी मौत
बता दें इससे पहले भूकंप के तेज झटके आए थे. जिसकी तीव्रता 6.3 रिक्टर स्केल पर मापी गई थी. इस भूकंप की घटना में करीब ढाई हजार लोग मारे गए थे. ये भूकंप पिछले महीने अक्टूबर में आया था. जिसमें 9 हजार लोग घायल हो गए थे और तमाम इमारतें भी गिर गई थीं.
इसलिए आता है भूकंप
आखिर भूकंप क्यों आते हैं? इसको समझने के लिए सबसे पहले पृथ्वी की संरचना को जानना जरूरी है. हमारी पृथ्वी टैक्टोनिक प्लेट्स पर स्थित है. इन प्लेटों के नीचे तरल पदार्थ लावा है. जिसपर टैक्टोनिक प्लेट्स तैरती रहती हैं. कई बार ऐसा होता है कि ये प्लेटें आपस में टकरा जाती हैं. बार-बार टकराने से इन प्लेट्स के कोने सिकुड़ जाते हैं या फिर टूटने लगते हैं. जिससे नीचे से निकली ऊर्जा बाहर निकलने के लिए रास्ते खोजती है. जिसमें डिस्टर्बेंस होता है और इसी के बाद भूकंप की स्थिति पैदा होती है.
-भारत एक्सप्रेस
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