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19 पासपोर्ट, 26 जाली वीजा और प्रिंटिंग मशीन…विदेश भेजने का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह का पुलिस ने किया भंडाफोड़

mastermind arrested

अंतरराष्ट्रीय इमिग्रेशन रैकेट के फरार मास्टरमाइंड को पुलिस ने दबोचा

लोगों को विदेश भेजने का झांसा देकर ठगी के धंधे में शामिल अंतरराष्ट्रीय इमिग्रेशन रैकेट के फरार मास्टरमाइंड को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. फरार मास्टरमाइंड मंजीत उर्फ बब्बू की गिरफ्तारी के साथ आईजीआई एयरपोर्ट की टीम ने धोखाधड़ी के मामले में शामिल अंतरराष्ट्रीय इमिग्रेशन रैकेट के सभी जालसाजों को गिरफ्तार कर लिया है.

यह मामला गुरनूर सिंह की शिकायत पर दर्ज किया गया था जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि आरोपी व्यक्ति अमित गौर ने ऑस्ट्रेलिया के टूरिस्ट वीजा और स्टडी वीजा मामले में ग्राहकों की डिटेल के लिए सोशल मीडिया के जरिए उनसे संपर्क किया था.

18 लाख की ठगी के मामले के बाद दर्ज हुई थी FIR

वह भारत और विदेश में सक्रिय सदस्यों के साथ अपने संबंधों के बहाने शिकायतकर्ता को बहकाने में कामयाब रहा, जिसके बाद शिकायतकर्ता ने अपने IELTS प्रशिक्षण संस्थान के 5 छात्रों को ऑस्ट्रेलिया के टूरिस्ट वीजा के लिए आरोपियों के पास भेजा. कथित तौर पर आरोपी और उसके सहयोगियों को वीजा प्रोसेस करने के लिए 18 लाख रु दिए गए. आरोपियों ने छात्रों के नाम पर जारी किए गए 5 टूरिस्ट वीजा दे दिए. बाद में जब वीजा को दूतावास से सत्यापित किया गया तो पाया गया कि सभी वीजा फर्जी थे। इसके बाद यह मामला दर्ज किया गया था.

इस मामले की जांच के दौरान सभी एजेंट विजय कुमार, नितिन नज़रा, चंदन चौधरी को 15 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था. इनके पास से 19 पासपोर्ट, 26 जाली वीजा, विभिन्न देशों के 2000+ब्लैंक वीजा, 165 जाली वीजा स्टांप्स, 127 वीजा मेकिंग डाइ, 08 प्रिंटिंग और लैमिनेटिंग मशीन, विभिन्न देशों के 35 पीआर कार्ड, नकली आधार कार्ड, पीआर कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस बनाने में इस्तेमाल की जाने वाले 1150 ब्लैंक प्लास्टिक कार्ड बरामद किए गए. इसके अलावा अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई है.

arrested accused

गिरफ्तार एजेंट की हिरासत में पूछताछ से यह पता चला कि एजेंट मंजीत इस गिरोह का मास्टरमाइंड था. गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद मंजीत सिंह उर्फ ​​बब्बू फरार हो गया था और लंबे समय से अपनी गिरफ्तारी से बचने की कोशिश कर रहा था. उसे पकड़ने के लिए सभी संभावित ठिकानों पर लगातार छापेमारी की गई. टीम की कोशिशों के बाद आखिरकार वह 13 नवंबर को हत्थे चढ़ गया और इस वक्त पुलिस रिमांड में है.



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