सुलभा भारती
-अनिल वर्मा शेखर
Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर तैयारी तेज गति से आगे बढ़ रही है. अनुष्ठान के लिए काशी से सामग्री लगातार अयोध्या भेजी जा रही है. 22 जनवरी को मंदिर का उद्घाटन होगा और इसी दिन रामलला अपने जन्न स्थान यानी मंदिर के गर्भ गृह में विराजमान होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों धार्मिक अनुष्ठान किया जाएगा. तो वहीं लगातार देश भर के वीवीआईपी व साधु-संतों को कार्यक्रम में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा जा रहा है. इसी बीच खबर सामने आ रही है कि, श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने 22 जनवरी को राम मंदिर उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए फर्रुखाबाद की साध्वी सुलभा भारती को भी निमंत्रण भेजा है.
1984 में ही जुड़ गई थीं राम मंदिर आंदोलन से
सुलभा भारती को लेकर जानकारी सामने आई है कि, उन्होंने अशोक सिंघल, उमा भारती और साध्वी ऋतम्भरा की पंक्ति में रहकर राम जन्म भूमि आंदोलन को आगे बढ़ाया था. निमंत्रण मिलने के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने जानकारी दी कि, उनको राम मंदिर को लेकर बहुत ही हर्ष हो रहा है. वह 20 जनवरी को अयोध्या के लिए रवाना होंगी. लम्बे समय तक भिंड में रहीं सुलभा भारती की जन्म भूमि फर्रुखाबाद ही है. वह स्वामी योगानंद सरस्वती और स्वामी बाम देव महाराज से प्रभावित होकर 1984 में ही राम जन्म भूमि आंदोलन से जुड़ गई थीं. प्रखर वक्ता होने के नाते वह जल्द ही सुर्ख़ियों में आयीं और विहिप के संस्थापक अध्यक्ष अशोक सिंघल, उमा भारती और साध्वी ऋतम्भरा के साथ मंच साझा करने लगीं थीं.
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कोठारी बंधुओं को याद कर हुईं भावुक
साध्वी सुलभा भारती कहती हैं कि, 22 जनवरी को राम मंदिर के गर्भ गृह में नूतन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की घड़ी आने पर उन्हें इस आंदोलन में अशोक सिंघल का योगदान रह- रह कर याद आता है. इसी के साथ सुलभा बाबरी मस्जिद पर भगवा लहराने वाले कोठारी बंधुओं को याद कर भावुक हो उठती हैं. साथ ही वह पीएम मोदी और सीएम योगी को लेकर कहती हैं कि आज का यह दिन आने के लिए पीएम मोदी और सीएम योगी के योगदान को ही रेखांकित किया जायेगा.
कृष्ण जन्मभूमि को लेकर किया ये दावा
पत्रकारों से बात करते हुए सुलभा भारती कहती हैं कि 1991 में उनके सामने मोहम्मदाबाद से विधान सभा का चुनाव लड़ने का प्रस्ताव आया था, पर उन्होंने इसके लिए मना कर दिया था. वह कहती है की राम जन्म भूमि के कायाकल्प के बाद अब कृष्ण जन्म भूमि का विवाद भी जल्द निपटेगा, उस दिन का बेसब्री से इंतजार है.
-भारत एक्सप्रेस