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“विनाशकाले विपरीत बुद्धि…”,कांग्रेस ने ठुकराया राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का न्यौता तो BJP ने किया पलटवार

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि उसके नेता अपनी बयानबाजी में फंसे हुए हैं और उन्हें गंभीरता से क्यों लें? यदि वे नहीं जाएंगे तो उन्हें पछतावा होगा.

बीजेपी प्रवक्ता नलिन कोहली

बीजेपी प्रवक्ता नलिन कोहली

Ram Mandir: बीजेपी ने 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के अभिषेक समारोह के निमंत्रण को कांग्रेस द्वारा अस्वीकार करने के बाद निशाना साधा है. बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि वे हमेशा मंदिर के निर्माण के खिलाफ थे. भाजपा प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा, “इसमें कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए. पिछले कुछ दशकों में कांग्रेस पार्टी ने वास्तव में यह देखने के लिए कोई कदम नहीं उठाया कि अयोध्या में एक मंदिर होना चाहिए. वे अदालत में खड़े रहे और कभी भी शीघ्र सुनवाई नहीं चाहते थे.”

अब, चूंकि मंदिर अयोध्या में बन गया है, सच्चाई यह है कि उनका निर्णय वही दर्शाता है जो उनका हमेशा से मानना रहा है. कांग्रेस अयोध्या में मंदिर देखना नहीं चाहती. उन्होंने कहा कि वे कह रहे थे कि यह भाजपा या भाजपा का एक कार्यक्रम है.कोहली ने कहा, “वास्तव में, यह कांग्रेस पार्टी की अपनी सोच से मेल नहीं खाता है, अन्यथा, वे भगवान राम के प्रति स्नेह के कारण वहां होते और अयोध्या में होते और दुनिया भर में और भारत में लाखों भारतीयों के उत्साह को साझा करते.”

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केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि उसके नेता अपनी बयानबाजी में फंसे हुए हैं और उन्हें गंभीरता से क्यों लें? यदि वे नहीं जाएंगे तो उन्हें पछतावा होगा. लोकसभा सांसद मनोज तिवारी ने सवाल किया कि वे (कांग्रेस नेता) दर्शन के लिए कैसे जाएंगे? क्या यह सच नहीं है कि कांग्रेस ने यह सुनिश्चित करने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ताओं को मैदान में उतारा कि वहां राम मंदिर का निर्माण न हो.

मनोज तिवारी ने आगे कहा, “उन्होंने भगवान राम को एक काल्पनिक चरित्र कहा. राम सेतु को खारिज कर दिया. यह शुरू से ही उनकी मानसिकता रही है. मुझे नहीं लगता कि उनकी सोच बदलने वाली है… लेकिन देश के लोगों ने संदेश दिया है कि भगवान के अलावा राम, पीएम मोदी उनके मन में बसते हैं…भगवान राम न केवल बीजेपी और आरएसएस के हैं, बल्कि हर व्यक्ति के हैं. अगर कांग्रेस को लगता है कि भगवान राम उनके नहीं हैं, तो यह उनकी समस्या है.” उन्होंने कहा कि विनाशकाले विपरीत बुद्धि.

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बताते चलें कि कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में नेता अधीर रंजन चौधरी ने इसे आरएसएस-भाजपा का कार्यक्रम बताकर राम मंदिर के निमंत्रण को ‘सम्मानपूर्वक अस्वीकार’ कर दिया. कांग्रेस ने अपने बयान में कहा, “पिछले महीने कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता श्री मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी को 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में होने वाले राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने का निमंत्रण मिला.”

-भारत एक्सप्रेस

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