राम मंदिर में आसन पर मौजूद श्रीराम की मूर्ति.
Why cloth tied over eyes of idol of God before consecration: अयोध्या में स्थित राम मंदिर में आसन पर भगवान की मूर्ति को आसन कर दिया गया है. भगवान की मूरत की आंखों को ढका गया है. जानकारी के अनुसार 22 जनवरी को जब पीएम मोदी प्राण प्रतिष्ठा कर लेंगे उसके बाद उनके चेहरे से परदा हटाया जाएगा. प्राण प्रतिष्ठा से पहले भगवान की मूर्तियों में चेहरे पर परदा रखने की प्राचीन पंरपरा रही है.
मंदिरों में मूरत की स्थापना के कई अनुष्ठान होते हैं. भगवान की प्रतिमा की स्थापना के बाद उसमें प्राण प्रतिष्ठा की जाती है. जब प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हो जाती है तब तक मूरत का चेहरा परदे से ढक दिया जाता है. जानकारी के अनुसार इसके कई धार्मिक कारण होते हैं. आंखों को भावनाओं के संचरण का जरिया माना जाता है. ऐसे में मान्यता है कि प्राण प्रतिष्ठा से पहले अगर भक्ति भाव से भरा कोई भक्त भगवान की आंखों में देर तक देख ले भगवान प्रेम में वशीभुत होकर उनके साथ चले जाते हैं.
आंखों के जरिए बाहर निकलती है तेजस्वी शक्ति
ऐसे में यह देखने में आया है कि अक्सर प्राण प्रतिष्ठा से पहले भगवान की आंखों को कपड़े से ढककर रखा जाता है. शास्त्रों की मानें तो भगवान की आखों को ढकने का एक और कारण है. प्राण प्रतिष्ठा के समय शक्ति स्वरूप प्रकाश पुंज भगवान की मूरत में प्रवेश करती है. यह तेजस्वी शक्ति आंखों के जरिए ही बाहर निकलती है. प्राण प्रतिष्ठा के बाद जब भगवान के नेत्र खोले जाते हैं तो उनको आंखों से असीम शक्ति वाला तेज बाहर निकलता है. इसलिए प्रभु को दर्पण दिखाया जाता है.