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‘राजीव गांधी जिंदा होते तो बाबरी आज भी खड़ी होती’ किताब के विमोचन पर बोले कांग्रेस नेता मणिशंकर

Mani Shankar on Rajiv Gandhi and Babri: कांग्रेस नेता मणिशंकर ने अपनी किताब में चौंकाने वाला दावा किया है. उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद के ताले राजीव गांधी ने नहीं खुलवाए थे. यह सब भाजपा की साजिश थी.

Mani Shankar on Rajiv Gandhi and Babri

कांग्रेस नेता मणिशंकर की किताब का हुआ विमोचन.

Mani Shankar on Rajiv Gandhi and Babri: कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने एक बार फिर चौंकाने वाला बयान दिया है. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि 1986 में बाबरी मस्जिद के दरवाजे पीएम राजीव गांधी के कहने पर नहीं बल्कि कांग्रेस नेता अरुण नेहरू के कहने पर खोले गए थे. उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि सबसे पहले अरुण नेहरू को कांग्रेस में प्लांट किया गया. इसके बाद उन्हाेंने जब घटना को अंजाम दे दिया तो वे फिर से भाजपा में शामिल हो गए.

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कांग्रेस नेताओं ने निमंत्रण ठुकराकर सही किया

पीटीआई को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि अगर राजीव गांधी जिंदा होते और पीवी नरसिम्हा राव की जगह पर पीएम होते तो बाबरी मस्जिद आज भी खड़ी होती. तब भाजपा को उचित जवाब दिया जा सकता था. वहीं अय्यर ने प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण ठुकराने को लेकर कांग्रेस नेतृत्व की सराहना की. अपनी किताब की लाॅन्चिंग पर बात करते हुए मणिशंकर ने कहा कि गांधी कह रहे थे कि मस्जिद रखो और मंदिर बनाओ. सुप्रीम कोर्ट ने भी यही कहा कि मंदिर बनाओ और मस्जिद कहीं और बनाओ। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला ठीक वैसा ही है जैसा जिस पर राजीव आ रहे थे.

अटल जी की भाजपा को पीएम मोदी ने चुरा लिया

कांग्रेस नेता ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की भाजपा को पीएम नरेंद्र मोदी ने चुरा लिया है. अय्यर की यह किताब राजीव गांधी के प्रधानमंत्रित्व काल पर आधारित है। इसके अलावा किताब में बाबरी राम जन्मभूमि मुद्दा, शाह बानो मामला, भारत-श्रीलंका समझौता समेत कई विवादों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई है.

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बाबरी के दरवाजे खोलने के पीछे भाजपा की साजिश

अय्यर ने कहा कि 1986 में बाबरी के दरवाजे खोले जाने या पूछे जाने पर कहा कि संसद में 400 सीटों के बहुमत के साथ राजीव गांधी के पास मुसलमानों को खुश करने या हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने जैसी कोई बात नहीं थी. उन्होंने कहा कि यह सब कुछ अरुण नेहरू के दिमाग की उपज थी। क्योंकि वे यूपी के थे और उनके दिमाग में स्कूल के दिनों से ही यह बात घुसी थी.

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