भारतीय रिजर्व बैंक ने इस साल मई में जब से ब्याज दरों में बढ़ोतरी किया है तब से लगभग सभी बैंकों ने फिक्स डिपॉजिट पर मिलने वाले इंटरेस्ट रेट को बढ़ा दिया है. पिछले 5 महीनों में एफडी पर मिलने वाली ब्याज दरों में बदलाव देखने को मिला है. RBI ने ब्याज दरों में वृद्धि की है तो बैंक में एफडी कराने वाले ग्राहकों को उम्मीद है कि उन्हें भी इसका फायदा मिल सकता है.
वहीं अगर रिजर्व बैंक महंगाई पर नियंत्रण के लिए इंटरेस्ट रेट में बढ़ोतरी को जारी रखती है तो बैंक से मिलने वाला कर्ज महंगा हो सकता है, साथ ही बैंक की बचत योजनाओं पर भी ब्याज दर बढ़ेगा. आरबीआई अपनी मौद्रिक नीति कमेटी की 4 बैठकों में करी 190 बेसिस प्वाइंट इंटरेस्ट रेट में बढ़ोतरी कर चुका है.
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ब्याज दरों में बढ़ोतरी पर मिलेगा 9% ब्याज
आरबीआई द्वारा दरों में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी का मतलब बैंकों द्वारा एफडी दरों को समान अंतर से बढ़ाना है. इसमें FD की ब्याज दर 7% से बढ़कर 7.5% हो गई है, जिसका मतलब है कि 5 साल के लिए 1 लाख के फिक्स डिपॉजिट पर आपको परिपक्वता पर 3,517 रुपये का अतिरिक्त ब्याज दिया जाएगा.
5 महीने के अंदर ब्याज दरों में जबरदस्त वृद्धि देखने को मिली है. इससे ऐसा लगने लगा है कि अगर इंटरेस्ट रेट में बढ़ोतरी कुछ और समय तक जारी रही, तो भविष्य में यह डबल डिजिट तक पहुंच जाएगी. इससे एफडी पर ब्याज दरें 9% मिल रही है. एफडी पर 9% की ब्याज दर दी जा रही है. हालांकि 5 महीने की छोटी अवधि के भीतर रेपो दर में 1.9% की वृद्धि हुई है.
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कई विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाली समय में अभी भी 25-60 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी के कयास लगाए जा रहें है. जब रेपो रेट 4 फीसदी था उस वक्त देश का सबसे बड़ा पब्लिक सेक्टर बैंक SBI द्वारा 5 साल की एफडी पर 5.5% की ब्याज दर दी जा रही थी. अगर आने वाले महीनों में रेपो रेट 6.5% तक पहुंच जाती है, तो बैंक आम नागरिकों के लिए FD दर को 9% तक बढ़ा सकता है.
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