TMC सांसद महुआ मोइत्रा (फोटो ट्विटर)
लोकसभा में पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की सदस्यता रद्द करने को चुनौती देने वाली याचिका पर लोकसभा सचिवालय ने जवाब दाखिल किया.
लोकसभा सचिवालय ने सुप्रीम कोर्ट में कही यह बात
लोकसभा सचिवालय ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया कि टीएमसी सांसद की याचिका सुनवाई के योग्य नहीं है. लोकसभा सचिवालय ने कोर्ट को बताया कि किसी भी प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप लगा संसद की कार्यवाही पर सवाल नहीं उठाया जा सकता. अनुच्छेद 122 के तहत संसद कार्यवाही की वैधता का एकमात्र जज होता है. लोकसभा सचिवालय ने सर्वोच्च अदालत में कहा कि संसद के लिए चुना जाना और उसमें बने रहना किसी का भी मौलिक अधिकार नहीं हो सकता है. अनुच्छेद 32 के तहत महुआ मोइत्रा की याचिका सुनवाई के योग्य ही नहीं है.
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लोकसभा के महासचिव ने सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 122 का जिक्र करते हुए बताया कि यह अनुच्छेद एक ऐसी रूपरेखा की परिकल्पना करता है संसद को बिना किसी न्यायिक हस्तक्षेप के बिना अपने आंतरिक कार्यों और शक्तियों का प्रयोग करने की इजाजत है. गौरतलब है कि पैसे लेकर लोकसभा में सवाल पूछने के मामले में संसद से अपनी सदस्यता को रद्द किए जाने के खिलाफ टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने सुप्रीम कोर्ट में इसे चुनौती दी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 3 जनवरी 2024 को लोकसभा सचिवालय को नोटिस जारी कर जबाव मांगा था.
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के वकील और महुआ मोइत्रा के कथित पुरुष मित्र जय अनंत देहाद्राई ने टीएमसी सांसद पर उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी से गिफ्ट और कैश लेकर संसद में उनके बदले सवाल पूछने का आरोप लगाया था. उन्होंने इस संबंध में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को सबूत मुहैया करवाए थे और पत्र लिखकर महुआ के खिलाफ जांच का अनुरोध किया था.
-भारत एक्सप्रेस
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