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कौन हैं सुखबीर सिंह संधू और ज्ञानेश कुमार, जिन्हें चुनाव आयुक्त के पद पर नियुक्त किया गया है

Election Commissioners Appointment: बीते फरवरी माह में अनूप चंद्र पांडे के रिटायर होने और पिछले हफ्ते अरुण गोयल के अचानक अपने पद से इस्तीफा दे देने के बाद चुनाव आयोग में दो पद खाली हो गए थे.

सुखबीर सिंह संधू और ज्ञानेश कुमार.

पूर्व नौकरशाह सुखबीर सिंह संधू और ज्ञानेश कुमार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले एक पैनल द्वारा नए चुनाव आयुक्त के रूप में चुना गया है. पैनल ने चुनाव आयुक्तों का चयन करने के लिए एक बैठक की थी, क्योंकि फरवरी में अनूप चंद्र पांडे के रिटायर होने और पिछले हफ्ते अरुण गोयल के अचानक अपने पद से इस्तीफा दे देने के बाद दो पद खाली हो गए थे.

सुखबीर सिंह संधू

1963 में जन्मे सुखबीर सिंह संधू 1998 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हैं. उन्होंने उत्तराखंड के मुख्य सचिव के रूप में कार्य किया है. इससे पहले उन्होंने उच्च शिक्षा विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया है.

संधू ने सरकारी मेडिकल कॉलेज, अमृतसर से एमबीबीएस किया और अमृतसर के गुरु नानक देव विश्वविद्यालय से इतिहास में मास्टर डिग्री भी ली है. उनके पास कानून की डिग्री भी है.

उन्हें लुधियाना नगर निगम के आयुक्त के रूप में उनकी सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया गया था. भारत की जनगणना के दौरान प्रदान की गईं सेवाओं के सम्मान में उन्हें 2001 का भारत का राष्ट्रपति पदक भी मिला हुआ है.

ज्ञानेश कुमार

ज्ञानेश कुमार 1988 बैच के केरल कैडर के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हैं. वह इस साल 31 जनवरी को सहकारिता सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए थे. साल 2019 में जब केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया था, तब वह केंद्रीय गृह मंत्रालय में कश्मीर डिवीजन के इंचार्ज थे.

उन्होंने अमित शाह के नेतृत्व वाले सहयोग मंत्रालय में सचिव के रूप में कार्य किया है. इससे पहले उन्होंने संसदीय कार्य मंत्रालय में सचिव के रूप में कार्य किया था.

उनके कार्यकाल के दौरान सहकारिता मंत्रालय ने बहु-राज्य सहकारी समितियों (एमएससीएस) (संशोधन) अधिनियम, 2023 को अधिनियमित किया और तीन नए राष्ट्रीय सहकारी निकायों – भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (बीबीएसएसएल), नेशनल कोऑपरेटिव ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (एनसीओएल) और नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट लिमिटेड (एनसीईएल) का गठन किया था.

उन्होंने सहारा समूह की चार बहु-राज्य सहकारी समितियों के वास्तविक जमाकर्ताओं द्वारा दावे प्रस्तुत करने के लिए सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल के समय पर लॉन्च में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. कुमार ने यूपीए सरकार के दौरान 2007 से 2012 तक रक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव (रक्षा उत्पादन) के रूप में कार्य किया.

-भारत एक्सप्रेस



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