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अब कस्टमर्स के काॅल फाॅरवर्ड नहीं कर पाएंगी मोबाइल कंपनियां, जानें क्या है पूरा मामला

DoT ने धोखाधड़ी और ऑनलाइन अपराधों को रोकने के लिए टेलीकॉम ऑपरेटरों को 15 अप्रैल तक यूएसएसडी कॉल फॉरवर्डिंग को निष्क्रिय करने का निर्देश दिया. स्कैमर्स इस तरीका का इस्तेमाल कर मोबाइल यूजर के ओटीपी पाने की कोशिश करते हैं ताकि, पैसों से जुडे़ फ्रॉड को अंजाम दिया जा सके.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: Pixabay)

DOT: दूरसंचार विभाग (DoT) ने टेलीकॉम कंपनियों से 15 अप्रैल से देश में USSD-आधारित कॉल फॉरवर्डिंग सेवा बंद करने को कहा है. मोबाइल फोन के जरिए धोखाधड़ी और ऑनलाइन अपराधों पर लगाम लगाने के लिए विभाग ने एक आधिकारिक नोटिस जारी कर इस सेवा को 15 अप्रैल से अगली सूचना तक बंद करने का आदेश दिया है.

आदेश में कहा गया है, ‘इस संबंध में सक्षम प्राधिकारी ने निर्णय लिया है कि सभी लाइसेंसधारी मौजूदा यूएसएसडी आधारित कॉल फॉरवर्डिंग सेवाओं को 15.04.2024 से लाइसेंस नया ऑर्डर आने तक अगली सूचना तक बंद कर दें.’

यूएसएसडी आधारित कॉल अग्रेषण सेवा क्या है?

मोबाइल ग्राहक अपने फोन स्क्रीन पर इस सक्रिय कोड को डायल करके यूएसएसडी सेवा का प्रयोग IMEI नंबर और मोबाइल फोन बैलेंस जैसी जानकारी का पता लगाना के लिसे इस सेवा का एक सामान्य उपयोग करते है. इस मामले में 28 मार्च के एक आदेश में, दूरसंचार विभाग ने कहा मोबाइल यूजर्स को पता भी नही चलता और स्कैमर फ्रॉड कॉल कर उनसे कॉल फॉरवर्डिंग कोड को एक्टिवेट करवा लेते हैं.

नतीजतन मोबाइल यूजर के फोन पर आने वाले जरूरी कॉल्स और मैसेज का डेटा किसी अनजान डिवाइस पर जाने लगता है. स्कैमर्स इस तरीका का इस्तेमाल कर मोबाइल यूजर के ओटीपी (OTP) पाने की कोशिश करते हैं ताकि, पैसों से जुडे़ फ्रॉड को अंजाम दिया जा सके

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आदेश में कहा गया है, ‘सभी मौजूदा ग्राहक जिन्होंने यूएसएसडी आधारित कॉल फॉरवर्डिंग सेवा सक्रिय की है, उन्हें वैकल्पिक तरीकों के माध्यम से कॉल फॉरवर्डिंग सेवाओं को दोबारा फिर से एक्टिवेट करने के लिए बताया जाएगा. ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ऐसी सेवाएं उनकी जानकारी के बिना एक्टिवेट न हों.’

-भारत एक्सप्रेस

 



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