फोटो क्रेडिट @nhsrcl
Bullet Train In India: विकास के पहियों पर दौड़ रहे भारत में पहली बुलेट ट्रेन (Bullet Train) के लिए भी काम तेजी से आगे बढ़ रहा है. देशवासियों को कहीं आने-जाने में किसी तरह की दिक्कत न हो, इसके लिए सरकार लगातार प्रयासरत है और जल्द ही देश को पहली बुलेट ट्रेन भी मिल जाएगी. इसको लेकर NHSRCL ने सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें शेयर की हैं जिसमें कार्य तेज गति से आगे बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है.
इस तरह किया जा रहा है बुलेट ट्रेन का निर्माण
बता दें कि भारत की बुलेट ट्रेन काफी खास है क्योंकि इसका निर्माण मेक इन इंडिया मशीनों और जापानी टेक्नोलॉजी के साथ किया जा रहा है. NHSRCL ने सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरों को शेयर कर दिखाया कि कैसे आधुनिक मशीनरी के साथ बुलेट ट्रेन के लिए ट्रैक को बिछाया जा रहा है. नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) भारत में हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट्स को लागू करने के लिए केंद्र सरकार और भागीदार राज्यों के बीच एक ज्वाइंट वेंचर है.
2026 में देश को मिलेगी पहली बुलेट ट्रेन
रेलवे और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) पहले ही बता चुके हैं कि भारत की पहली बुलेट ट्रेन के लिए विभिन्न स्टेशनों के निर्माण में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है और हम 2026 में एक सेक्शन में पहली बुलेट ट्रेन चलाने के लिए तैयार हैं. इस सम्बंध में अश्विनी वैष्णव ने बताया है कि अहमदाबाद-मुंबई रूट पर बुलेट ट्रेन का काम बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है. इसके लिए 290 किलोमीटर से अधिक का काम पहले ही किया जा चुका है.
Mechanized track installation with cutting edge machinery for Bullet Train project 🚄🚄 pic.twitter.com/OvZdDs8q6i
— NHSRCL (@nhsrcl) May 4, 2024
8 नदियों पर बनाए गए हैं पुल
अश्विनी वैष्णव ने बताया है कि 12 स्टेशनों पर काम चल रहा है व कई स्टेशन ऐसे हैं, जिसका काम पूरा होने वाला है. बुलेट ट्रेन के लिए आठ नदियों पर पुल बनाए गए हैं. उन्होंने आगे कहा कि दो डिपो पर भी काम चल रहा है.
जापानी सहयोग
गौरतलब है कि भारत में बुलेट ट्रेन के लिए पहला जे-स्लैब ट्रैक इंस्टॉलेशन विशेष रूप से जापानी गाइडलाइंस के अनुसार डिजाइन और निर्मित मशीनीकृत अत्याधुनिक मशीनरी के साथ शुरू किया गया. फिर आगे बढ़ते हुए मेक-इन-इंडिया (MII) की पहल हुई और अब कुछ मशीनें भारत में भी बनाई जा रही हैं. परियोजना के लिए 35,000 मीट्रिक टन से अधिक जेआईएस रेल और ट्रैक निर्माण मशीनरी के तीन सेट (03) प्राप्त हुए हैं.
-भारत एक्सप्रेस