गुयाना की यात्रा पर पीएम मोदी.
PM Modi Guyana Visit: भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी गुयाना की यात्रा के दौरान वहां की संसद के विशेष सत्र को संबोधित किया. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत और गुयाना का रिश्ता बहुत गहरा है. यह मिट्टी, पसीने और परिश्रम का रिश्ता है.
उन्होंने कहा कि लगभग 180 साल पहले एक भारतीय गुयाना की धरती पर आया था और उसके बाद से सुख और दुख दोनों में भारत और गुयाना का रिश्ता आत्मीयता से भरा रहा है.
Addressing the Special Session of the Parliament of Guyana. https://t.co/MKnfKTx1Xl
— Narendra Modi (@narendramodi) November 21, 2024
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और गुयाना ने पिछले 200-250 वर्षों में एक जैसी गुलामी देखी है. एक जैसा संघर्ष देखा है. आजादी की लड़ाई में कितने लोगों ने यहां और वहां अपनी जान कुर्बान की. आज दोनों देश दुनिया में लोकतंत्र को मजबूत कर रहे हैं. गुयाना की संसद में मैं भारत के 140 करोड़ लोगों की ओर से आप सभी का अभिनंदन करता हूं.
Here are highlights from the programmes in Guyana. I am confident that India’s ties with the Caribbean nations will get even more robust in the times to come. pic.twitter.com/zgCv4JBgzF
— Narendra Modi (@narendramodi) November 21, 2024
पीएम मोदी ने गुयाना में कहा, “24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का मौका मिला था. आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो चकाचौंध हो, लेकिन मुझे गुयाना की विरासत और इतिहास को जानना और समझना था. आज भी गुयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मेरी मुलाकात याद होगी. मेरी तब की यात्रा से बहुत-सी यादें जुड़ी हुई हैं.”
सर्वोच्च सम्मान देने के लिए हृदय से आभार
पीएम मोदी बोले, “गुयाना ने मुझे कल ही सर्वोच्च सम्मान दिया है. मैं इस सम्मान के लिए आप सभी का और गुयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं. यहां के सभी नागरिकों को बहुत-बहुत धन्यवाद. मैं यह सम्मान भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं.
पीएम मोदी ने कहा कि आज विश्व के सामने आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है- डेमोक्रेसी फर्स्ट, ह्यूमिनिटी फर्स्ट. लोकतंत्र प्रथम की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो, सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो. मानवता प्रथम की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है. जब मानवता प्रथम को निर्णयों का आधार बनाते हैं तो नतीजे भी मानवता के हित करने वाले ही होते हैं.”
I am grateful to President Dr. Irfaan Ali, the Government and the people of Guyana for conferring ‘The Order of Excellence.’ This honour belongs to the people of India.
May the India-Guyana friendship grow even stronger in the times to come.@DrMohamedIrfaa1@presidentaligy pic.twitter.com/Tm9OfFxwyo
— Narendra Modi (@narendramodi) November 21, 2024
समावेशी समाज के निर्माण का लोकतंत्र से बड़ा कोई माध्यम नहीं
गुयाना में पीएम ने कहा कि समावेशी समाज के निर्माण का लोकतंत्र से बड़ा कोई माध्यम नहीं है. लोकतंत्र हमारे डीएनए में है, हमारे लक्ष्य में है और हमारे आचार-व्यवहार में है. इसलिए जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपने G20 अध्यक्षता के दौरान एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य का मंत्र दिया. जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य का संदेश दिया.
पीएम मोदी ने कहा- “आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है. दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम प्रथम प्रतिक्रियादाता बनकर वहां पहुंचे. कोविड-19 के दौरान जब हर देश खुद को बचाने की कोशिश कर रहा था, तब भारत ने 150 से अधिक देशों के साथ दवाइयां और वैक्सीन साझा कीं.”
दुनिया के लिए यह संघर्ष का समय नहीं: पीएम मोदी
गुयाना में पीएम ने कहा, “दुनिया के लिए यह समय संघर्ष का नहीं है. बल्कि यह समय संघर्ष पैदा करने वाली स्थितियों को पहचानने और उनको दूर करने का है. आज आतंकवाद, ड्रग्स, साइबर क्राइम, ऐसी कितनी भी चुनौतियां हैं. आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर भविष्य बनाने के लिए हमें इन मुद्दों का डटकर सामना करना होगा. यह तभी संभव है जब हम लोकतंत्र पहले, मानवता पहले को प्राथमिकता दें.”
उन्होंने कहा कि हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े. हम व्यवसाय पर संसाधनों का उपयोग करते हैं, संसाधनों को हथियाने की भावना से हमेशा दूर रहते हैं. आज भारत हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है, शांति के पक्ष में खड़ा है. इसी भावना के साथ आज भारत ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है.
पीएम मोदी ने कहा, “जी-20 समिट के दौरान भारत ने महिला नेतृत्व विकास को बड़ा एजेंडा बनाया था. भारत में हमने हर सेक्टर में और हर स्तर पर नेतृत्व की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है. भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं. पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ पांच प्रतिशत महिलाएं हैं. जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं उनमें से 15% महिलाएं हैं.”
14वीं बार विदेशी संसद में दिया संबोधन
पीएमओ की ओर से बताया गया कि यह 14वीं बार है, जब पीएम मोदी ने विदेश में किसी संसद को संबोधित किया हो. किसी भारतीय प्रधानमंत्री के लिए यह रिकॉर्ड है. अधिकारियों के मुताबिक, पीएम मोदी के अलावा मनमोहन सिंह ने इस तरह विदेश में 7 बार संसद को संबोधित किया था. वहीं, इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री के तौर पर चार बार ऐसा किया. पं. जवाहरलाल नेहरू को तीन बार यह मौका मिला. राजीव गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी ने दूसरे देश की संसद को दो-दो बार संबोधित किया. मोरारजी देसाई और पीवी नरसिम्हा राव को ऐसा मौका एक-एक बार मिला.
पिछले कुछ वर्षों में पीएम मोदी ने अमेरिका से लेकर यूरोप, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और एशिया तक दुनिया भर के विधानमंडलों (लेजिस्लेटिव चैंबर्स) में भाषण दिए हैं. महाद्वीपों से परे उनके संबोधन वैश्विक मंच पर भारत के बढ़ते प्रभाव की बानगी हैं.
- पीएम मोदी ने अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को दो बार संबोधित किया है – एक बार 2016 में और फिर 2023 में.
- 2014 में, पीएम मोदी ने ऑस्ट्रेलिया और फिजी की संसदों को संबोधित किया था.
- पीएम मोदी ने 2015 में ब्रिटिश संसद को संबोधित किया था.
- अफ्रीका में, पीएम मोदी ने 2015 में मॉरीशस की नेशनल असेंबली और 2018 में युगांडा की संसद को संबोधित किया था.
- एशिया में, पीएम मोदी ने 2014 में भूटानी संसद और नेपाल संविधान सभा के संयुक्त सत्र की संसद को संबोधित किया था.
- 2015 में उन्होंने श्रीलंका, मंगोलिया और अफगानिस्तान और 2019 में मालदीव की संसद को संबोधित किया था.
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- भारत एक्सप्रेस
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