निलेश कुंभानी.
Nilesh Kumbhani: गुजरात में कांग्रेस पार्टी से निलंबित होने के बाद नीलेश कुंभानी का बयान सामने आया है. बीजेपी में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि भाजपा में जाने का अभी कोई प्लान नहीं है, लेकिन, सामाजिक कार्य जारी रहेगा.
कुंभानी ने दावा किया कि वे अपने घर पर थे, लेकिन अफवाहें फैलाई जा रही थीं कि भाग रहे हैं. उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने मेरे साथ जो किया उसको लेकर मेरे समर्थक परेशान थे, उन्हे प्रचार करने से रोका जा रहा था. इसलिए उन्होंने उसका बदला लेने के लिए योजना बनाई. मुझे उनकी प्लानिंग के बारे में कोई जानकारी नहीं थी”.
पर्चा रद्द होने पर क्या बोले नीलेश कुंभानी
बीते दिनों गुजरात के सूरत लोकसभा सीट पर नीलेश कुभानी का नामांकन खारिज हो गया था. नीलेश ने कहा- “मैं कानूनी कार्रवाई के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता से मिलने जा रहा था. तभी पार्टी कार्यकर्ताओं ने मेरे घर पर विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद मैंने अपना मन बदल लिया.” उन्होंने इस बात से साथ इनकार किया कि ‘पर्चा रद्द करने के लिए किसी राजनीतिक दल से पैसा लिया है”.
कुंभानी का पता बताने वाले को इनाम
वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर कुंभानी का पता बताने वाले को इनाम देने की घोषणा की है. इंडियन यूथ कांग्रेस के सचिव प्रदीप सिंघव सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा- ‘गद्दार को पकड़ने वाले को 5,000 का इनाम दिया जाएगा.’
जबकि, कुंभानी ने कहा- “मैं घर पर हूं और छिप नहीं रहा हूं. कोई भी मुझसे मिलने आ सकता है. मेरी मांग पर पुलिस ने सुरक्षा मुहैया करायी है.” उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने चुनाव प्रचार के दौरान गलत तरीके से पैसा कमाया, वे इस सब से परेशान हैं. मेरा फॉर्म रद्द होने के कारण वे पैसा नहीं कमा सके और इसलिए मेरा अपमान और विरोध कर हैं”.
2017 में कांग्रेस ने किया विश्वासघात
गौरतलब है कि 11 मई को नीलेश कुंभानी ने कांग्रेस को धोखा देने के आरोप पर कहा था कि पार्टी ने उन्हें पहले धोखा दिया था. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता उन पर विश्वासघात का आरोप लगा रहे हैं. कुंभानी ने कहा कि 2017 के विधनसभा चुनाव में कांग्रेस ने उनके साथ विश्वासघात किया था. नीलेश कुंभानी ने कहा-“उस वक्त पार्टी ने सूरत की कामरेज विधनसाभा सीट से आखिरी समय में मेरा टिकट रद्द कर दिया था.”
बताते चलें कि इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने नीलेश कुंभानी को सूरत से टिकट दिया था. लेकिन, 21 अप्रैल को नामांकन पर्चे में गवाहों के साइन में गड़बड़ी की वजह से कुंभानी का नामांकन रद्द कर दिया गया. जिसके बाद 22 अप्रैल बीजेपी उम्मीदवार मुकेश दलाल इस सीट से निर्विरोध चुने गए.
-भारत एक्सप्रेस
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