वट पूर्णिमा (सांकेतिक तस्वीर)
Vat Purnima Vrat 2024 Shubh Muhurat Puja Vidhi: ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा को वट पूर्णिमा का व्रत रखा जाता है. पंचांग के अनुसार, आज वट पूर्णिमा का व्रत रखा जा रहा है. वट पूर्णिमा के दिन सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं. यही वजह है कि इस व्रत को अखंड सौभाग्य प्रदान करने वाला कहा जाता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार जो कोई वट पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान के बाद दान करता है उसकी हर मनोकामना पूरी होती है. आइए जानते हैं वट पूर्णिमा व्रत के लिए शुभ मुहूर्त, पूजन विधि है.
वट पूर्णिमा 2024 शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, आज वट पूर्णिमा पर कुछ खास संयोग बन रहे हैं. आज ज्येष्ठा नक्षत्र और शुभ योग और अभिजित मुहूर्त का खास संयोग बन रहा है. शुभ योग सूर्योदय से लेकर शाम 6 बजकर 42 मिनट तक है. जबकि ज्येष्ठा नक्षत्र शाम 6 बजकर 19 मिनट तक रहेगा. इसके अलावा अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 14 मिनट से दोपहर 1 बजकर 7 मिनट तक रहेगा.
वट पूर्णिमा पूजन विधि
वट पूर्णिमा के दिन महिलाएं ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके साफ वस्त्र पहनकर सोलह श्रृंगार करें. शुभ मुहूर्त में बरगद के नीचे सावित्री देवी की पूजा करें. वट पूर्णिमा व्रत के पूजन के लिए महिलाएं पूजन सामग्री लेकर बरगद के समीप जाएं. वहां, पूजन की सामग्रियों को रखकर बरगद में जल अर्पित करें. इसके बाद बरगद को धूप-धीप इत्यादि दिखाएं. बांस से बने हाथ के पंखे से वट वृक्ष और मां सावित्री को हवा करें.
ऐसा करते हुए वट वृक्ष और मां सावित्री से अपने पति की लंबी आयु और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करें. इस दौरान वट वृक्ष के चारों ओर कच्चे धागे या मौली को 7 बार लपेटें. पूजन के अंत में वहीं बैठकर सत्यवान और सावित्री की कथा सुनें. घर आकर उसी पंखे से अपने पति को हवा करें. इसके बाद प्रसाद में चढ़ाए गए फल को खाकर शाम के समय मीठा भोजन करके व्रत खोलें.
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