घटना के बाद की तस्वीर, बाबा सूरजपाल (बीच में) फोटो-सोशल मीडिया
Hathras Stampede: दो जुलाई को हाथरस के सिकंदराराऊ में भोले बाबा उर्फ सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि के सत्संग के बाद मची भगदड़ में मारे गए 121 लोगों की घटना में जांच लगातार जारी है. इसी बीच बड़ी खबर सामने आ रही है.
एक गवाह ने न्यायिक आयोग की तीन सदस्यीय टीम के सामने बताया है कि बाबा ने सत्संग के दौरान कहा था कि चरण रज ले कर जाना. इसीलिए जब बाबा जाने लगे तो भीड़ चरण रज लेने के लिए पीछे दौड़ी और इसी वजह से सब एक के ऊपर एक गिर पड़े. गवाह ने ये भी कहा कि मगर बाबा माइक से लोगों को दौड़ने के लिए मना कर देता तो इतना बड़ा हादसा नहीं होता.
10 से 15 लोग लेकर आए थे जहरीले स्प्रे वाले केन
इसके अलावा बाबा सूरजपाल के वकील एपी सिंह ने नया दावा कर दिया है. उन्होंने कहा है कि बाबा को बदनाम करने की ये साजिश है. दिल्ली में पत्रकारों के सामने हादसे के पीछे साजिश का आरोप लगाते हुए वह बोले कि सत्संग में मौजूद रहे लोगों ने मुझे बताया है कि 10 से 15 लोग जहरीले स्प्रे वाले केन लेकर आए थे. इसी के जरिये घटनास्थल पर अफरातफरी मचाई गई. उन्होंने ये भी कहा कि मैंने कुछ पोस्टमार्टम रिपोर्ट देखी है और इसमें मौत का कारण कुचलना नहीं, बल्कि दम घुटना बताया गया है. मेरे पास सारे सबूत हैं जिसे समय आने पर सामने रखूंगा.
सत्संग में नहीं थी किसी को मोबाइल-कैमरा ले जाने की अनुमति
बता दें कि इस पूरी घटना का कोई भी वीडियो सामने नहीं आया है. सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ वाहनों के पीछे लोगों की भीड़ दौड़ती दिखाई दे रही है तो वहीं घटना के बाद रोते-बिलखते परिजनों का वीडियो वायरल हो रहा है. इसके बीच में क्या हुआ, इसका कोई वीडियो फुटेज सामने नहीं आ सका है. बताया जा रहा है कि बाबा सत्संग में किसी को भी मोबाइल और कैमरे नहीं ले जाने देता था. सीसीटीवी भी कहीं नहीं लगे होते थे. यही वजह है कि मौके पर तैनात पुलिस भी घटना का कोई वीडियो नहीं बना सके हैं. पुलिस के साथ ही जांच टीम भी घटना की जांच कर रही है लेकिन पूरे घटनाक्रम का कोई भी वीडियो फुटेज सामने नहीं आया है. ऐसे में अब जांच टीम चश्मदीद व गवाहों के भरोसे पर है.
गवाह ने आयोग के सामने ये बताई बात
रविवार को पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में आयोग के समक्ष बयान में हाथरस के देव चौधरी ने न्यायिक जांच टीम के सामने बताया कि उन्होंने एटा से आते समय भगदड़ देखी तो रुक गए. महिलाएं रो रही थीं। करीब 20 शवों को हमने उठाकर वाहनों में रखवाया. वहां बाबा की कोई सुरक्षा व्यवस्था या सेवादार नहीं था. देव चौधरी ने आगे बताया कि भगदड़ में घायल हुए लोगों ने उनको बताया कि बाबा ने प्रवचन के बाद कहा था कि चरण रज लेकर जाएं. रज लेने की होड़ में लोग पैरों के नीचे आते गए. अगर बाबा माइक से रुकने को कहते, तो हादसा इतना बड़ा न होता. मालूम हो कि कई अन्य चश्मदीदों ने भी इसी तरह के आरोप लगाए हैं.
आयोग ने इस तरह के पूछे सवाल
आयोग के अध्यक्ष जस्टिस बीके श्रीवास्तव ने कहा, स्थानीय लोगों और गवाहों को सबूत व बयान पेश करने के लिए सार्वजनिक नोटिस जल्द जारी किया जाएगा. तो वहीं मीडिया सूत्रों के मुताबिक आयोग ने लोगों से घटना की शुरुआत, मरीजों व शवों के पहुंचने पर अस्पताल में मिली सुविधा और प्रशासन व पुलिस की भूमिका जैसे कई सवाल पूछे.
-भारत एक्सप्रेस
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