फाइल फोटो-सोशल मीडिया
PM Modi Russia Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय रूस यात्रा पर हैं. इसी बीच एक राहत भरी खबर सामने आ रही है. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, रूस, रूसी सेना में कार्यरत सभी भारतीयों को छुट्टी देगा और उनकी वापसी में मदद करेगा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन के समक्ष यह मामला उठाया है.
इसी के साथ ही रूस ने भारतीयों की वापसी को लेकर हर सुविधा मुहैया कराने की भी बात कही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मॉस्को यात्रा के दौरान सामने आई इस खबर को भारत के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है. बता दें कि रूस भारत का पुराना साथी रहा है. पीएम मोदी दो दिवसीय रूस की यात्रा पर हैं. पीएम मोदी ने आखिरी बार 2019 में रूस की यात्रा की थी. हालांकि पुतिन से उनकी आखिरी मुलाकात उज्बेकिस्तान में 2022 में शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में हुई थी. तो वहीं यूक्रेन के साथ छिड़े युद्ध के बाद पीएम मोदी की ये पहली रूस यात्रा है. बता दें कि फरवरी 2022 में रूस और यूक्रेन का युद्ध छिड़ा था.
सूत्रों के हवाले से खबर सामने आ रही है कि सोमवार को पीएम मोदी जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ प्राइवेट डिनर पर मिले थे. इसी दौरान इस मुद्दे को उठाया था और अपील की थी कि युद्ध में फंसे भारतीयों को वापस भेजा जाए. कहा जा रहा है कि इस बार को राष्ट्रपति पुतिन भी मान गए और इस तरह रूसी सेना में फंसे भारतीय युवाओं की घर वापसी सुनिश्चित हो सकी है.
रूस, रूसी सेना में कार्यरत सभी भारतीयों को छुट्टी देगा और उनकी वापसी में मदद करेगा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन के समक्ष यह मामला उठाया: सूत्र
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— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 9, 2024
दरअसल कई भारतीय युवा अच्छी नौकरी के झांसे में आकर रूस सेना में फंस गए और इस यूक्रेन युद्ध में रूस की तरफ से मैदान ए जंग में लड़ रहे हैं. उन भारतीयों की दुर्दशा नई दिल्ली के लिए बड़ी चिंता का विषय है और भारतीय विदेश मंत्रालय भी रूस के सामने लगातार यह मुद्दा उठा रहा है. हालांकि अब पीएम मोदी की रूस यात्रा ने इस मुश्किल काम को अंजाम पर पहुंचा दिया और अब ये सभी भारतीय जल्द ही घर वापस लौटकर सुकून की सांस ले सकेंगे.
धोखेबाजों ने किया गुमराह
मालूम हो कि अच्छी नौकरी का झांसा देकर भारतीय युवाओं को धोखेबाजों ने गुमराह करके युद्ध के दलदल में धकेल दिया है. रूस की अपनी आबादी बेहद कम होने के कारण युद्ध के दौरान यहां पर दूसरे देशों के नागरिकों की भर्ती की जाती है. इसी का फायदा उठाकर धोखेबाजों ने भारतीय युवाओं को फंसाया है. कई युवाओं ने सोशल मीडिया पर अपनी आपबीती सुनाते हुए भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई थी. युवाओं ने कहा था कि उनको रूसी सेना की ओर से युद्ध में लड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है.
-भारत एक्सप्रेस
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