Over sharing
Oversharing Habits: डिजिटल के जमाने में आजकल हमे जरूरत से ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है. साइबर सुरक्षा दैनिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, चाहे आप सार्वजनिक वाईफाई हॉटस्पॉट से जुड़ रहे हों या घर पर सोशल मीडिया पर स्क्रॉल कर रहे हों. जैसे, आप जो कुछ भी कर सकते हैं उसे सीखना महत्वपूर्ण है. इस सोशल मीडिया के दौर में आजकल हर कोई अपने से जुड़ी बातें और तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कर करता है.
लेकिन कुछ लोग हद से ज्यादा शेयरिंग करते हैं. हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि सोशल मीडिया एक खुला मंच है. यहां पर अपनी बहुत ही पर्सनल बातें शेयर करना, अपने लिए घातक बन सकती है. जैसे आप जानते हैं सोशल मीडिया पर हर तरह के लोग रहते हैं, जो हमारी जानकारी का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं. ऐसे में हम आपको ओवर शेयरिंग के नुकसान के बारे में बताएंगे और इससे बचने के लिए कैसे सावधानियां बरतनी चाहिए.
हर जानकारी शेयर न करें
जब आप दिन भर अपनी बहुत सारी पोस्ट डालती हैं, तब आप ना चाहकर भी अपने बारे में बहुत सारी ऐसी जानकारियां डाल देती हैं, जो नहीं डालनी चाहिए. इस तरह की ओवर शेयरिंग से बचना चाहिए. किसी भी पोस्ट को डालने से पहले एक बार जरूर अच्छी तरह से सोच-विचार कर लें कि इसमें आप अपनी कोई बहुत पर्सनल जानकारी तो नहीं शेयर कर रही हैं, जो आपके खिलाफ इस्तेमाल की जा सकती है.
बच्चों से जुड़ी जानकारियां ना करें शेयर
अगर आप सोशल मीडिया पर अपने बच्चों से जुड़ी बातें शेयर करती हैं तो उनकी सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करती हैं. बच्चे कब, कहां, किस लोकेशन पर रहते हैं. कब पार्क जाते हैं, हॉबी क्लासेज या कोचिंग के लिए कहां जाते हैं, ये सब बातें शेयर करना सही नहीं है. आजकल क्रिमिनल्स और किडनैपर बहुत सारी जानकारियां सोशल मीडिया से ही निकालते हैं. इन जानकारियों को जुटाकर वे बच्चों को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
गलत Image का बनना
कई बार ओवर शेयरिंग लोगों के बीच आपकी गलत छवि बना देती है. अकसर ऐसा होता है कि आप अपनी भावनात्मक बातें शेयर करती रहती हैं. कुछ लोग उन बातों की भावनाएं नहीं समझते हैं. वे इन बातों के आधार पर आपको गलत तरीके से जज करना शुरू कर देते हैं. जिसकी वजह से लोगों के बीच हमारे बारे में गलत राय बनती है, इसलिए कोई भी पर्सनल बात जो इमोशनल है, इसे शेयर ना करें.
अपनी हर जगह की जानकारी न दें
अकसर लोग वीकेंड पर किसी टूर पर जाते हैं, वहां पर बहुत सारी पिक्चर क्लिक करते हैं. यहां तक कि कई बार लोग उस जगह को एंज्वॉय करने के बजाय अपना सारा समय पिक्चर क्लिक करने में ही बिता देते हैं. वहां की ढेर सारी पिक्चर क्लिक कर सोशल मीडिया पर भी अपलोड करते रहते हैं. कब होटल में चेक-इन किया, कब ट्रेन से सफर कर रहे हैं, कहां-कहां जा रहे हैं, ये सारी बातें शेयर करते रहते हैं, जो मुसीबत को बुलावा दे सकता है. सोशल मीडिया पर कोई भी आपकी शेयर्ड जानकारी के आधार पर आपको नुकसान पहुंचा सकता है. अपनी ट्रिप के दौरान पिक्चर क्लिक जरूर करें, लेकिन इन्हें बहुत ही सोच-समझ कर अपलोड करें.
एक सीमा रेखा निर्धारित करें
हमें अपनी पर्सनल बातों और पर्सनल फीलिंग को लेकर एक सीमा रेखा निर्धारित कर लेनी चाहिए कि किसको इसके अंदर एंटर करने देना है और किसको इस बाउंड्री लाइन से बाहर रखना है. इससे आपको यह फायदा होगा कि आपकी बहुत ही निजी बातें बाहरी लोग नहीं जान पाएंगे और ना ही उन बातों को आपके खिलाफ इस्तेमाल कर पाएंगे. वैसे सोशल मीडिया पर पर्सनल बातों और पर्सनल फीलिंग को ना ही शेयर करें तो बेहतर है.
और भी होता है नुकसान
सोशल मीडिया पर ज्यादा एक्टिव होने की वजह से नींद पूरी नहीं हो पाती. इससे मेंटल हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है. कई बार हमें मेंटल डिसऑर्डर हो जाता है, हम डिप्रेशन का भी शिकार हो जाते हैं. अपनों को समय ना दे पाने की वजह से रियल लाइफ में रिश्ते खराब होने लगते हैं. परिवार वालों से इमोशनल कनेक्शन कम होने लगता है, क्योंकि बहुत सारा टाइम हम सोशल मीडिया पर खर्च कर देते हैं. अपनों से इमोशनल कनेक्शन कम रहने से रिश्तों में शेयरिंग और केयरिंग नहीं रहती है. मानसिक स्वास्थ्य बेहतर बना रहे, इसके लिए स्क्रीन टाइम जितना कम हो, उतना बेहतर है. दुख-सुख में वर्चुअल दुनिया के रिश्ते वास्तविक दुनिया में काम नहीं आते हैं, हमें इस सच्चाई को समझना चाहिए.
-भारत एक्सप्रेस
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