FSSAI Directions for Packaged Food Items
FSSAI Directions for Packaged Food Items: जागरूकता बढ़ाने के लिए भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने पैकेज्ड फूड आइटम बेचने वाली कंपनियों के लिए नया दिशा निर्देश जारी करने का फैसला किया है. FSSAI पैकेट वाले खाद्य पदार्थों में नमक, चीनी और सैचुरेटेड फैट के बारे में जानकारी को बोल्ड अक्षरों में छापने को अनिवार्य बनाने की तैयारी कर रहा है.
आपको बता दें FSSAI ने 6 जुलाई को पैकेज्ड फूड आइटम्स पर पोषण संबंधी जानकारी की लेबलिंग में बदलावों को मंजूरी दे दी. FSSAI इस बारे में एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी करेगा और हितधारकों से टिप्पणियां मांगेगा. एक आधिकारिक बयान में भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने कहा कि उसने पैकेट वाले खाद्य पदार्थों के लेबल पर बोल्ड अक्षरों और अपेक्षाकृत बड़े फॉन्ट साइज में चीनी, नमक और सैचुरेटेड फैट के बारे में पोषण संबंधी जानकारी देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
जानें क्यों लिया ये फैसला
पोषण संबंधी जानकारी की लेबलिंग के संबंध में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स (लेबलिंग एंड डिसप्ले) रेगुलेशंस, 2020 में संशोधन को मंजूरी देने का फैसला FSSAI की 44वीं मीटिंग में चेयरमैन अपूर्व चंद्रा की अध्यक्षता में लिया गया. FSSAI ने कहा, ‘संशोधन का मकसद उपभोक्ताओं को प्रोडक्ट की न्यूट्रीशनल वैल्यू को अच्छी तरह समझने और बेहतर निर्णय लेने में सक्षम बनाना है. साथ ही यह संशोधन नॉन-कम्युनिकेबल डिसीज (NCDs) की वृद्धि से निपटने और सार्वजनिक स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने के प्रयासों में भी योगदान देगा. इस संशोधन के लिए सुझाव और आपत्तियां इनवाइट करने के लिए ड्राफ्ट नोटिफिकेशन पब्लिक डोमेन पर डाला जाएगा.
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हाल ही में फूड बिजनेस ऑपरेटर्स को दिए ये आदेश
FSSAI ने हाल ही में सभी फूड बिजनेस ऑपरेटर्स (FBOs) से रीकॉन्स्टीट्यूटेड फ्रूट जूस के लेबल और विज्ञापनों से ‘100% फ्रूट जूस’ के किसी भी दावे को हटाने के लिए कहा है. नियामक ने FBOs को गेहूं का आटा/रिफाइंड गेहूं का आटा शब्द का इस्तेमाल न करने का भी निर्देश दिया है. FSSAI ने कहा कि वह झूठे और भ्रामक दावों को रोकने के लिए समय-समय पर परामर्श जारी करता रहा है. इनमें ई-कॉमर्स वेबसाइटों को ‘हेल्थ ड्रिंक’ शब्द को हटाने के लिए भेजे गए परामर्श शामिल हैं, क्योंकि इसे FSS Act 2006 या उसके तहत बनाए गए नियमों/विनियमों के तहत कहीं भी परिभाषित या मानकीकृत नहीं किया गया है.
-भारत एक्सप्रेस
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