हमास चीफ हानियेह कतर में हुआ सुपुर्द-ए-खाक. तस्वीर में दाईं ओर - इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू
Hamas Chief Ismail Haniyeh Story: ईरान में हमास चीफ इस्माइल हानियेह की मौत के बाद से पश्चिमी एशिया में तनाव बढ़ गया है. इस बीच इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के एक पूर्व एजेंट ने इस्माइल हानियेह को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. मोसाद एजेंट द्वारा किए गए खुलासे डार्क वेब से सामने आए हैं. उन्होंने हजारों लोगों की हत्या के गुनहगार इस्माइल हानियेह की ऐसी-ऐसी बातें बताई हैं, जिनको जानकर इंसानों को कंपकंपी आ जाएगी!
दोहा में सुपुर्द-ए-खाक हुआ इस्माइल हानियेह, अब हुआ चौंकाने वाला खुलासा
इजरायल द्वारा मारे गए हमास चीफ इस्माइल हानियेह को दो दिन पहले ही कतर की राजधानी दोहा में सुपुर्द-ए-खाक किया गया. इस दौरान कई मुस्लिम देशों ने इजरायल से बदला लेने की बात करते हुए उस पर हमले की धमकी दी है. वहीं, इस्माइल हानियेह की शानो-शौकत से भरपूर जिंदगी और उसके स्वार्थी स्वभाव को इंगित करती कुछ बातें सामने आई हैं.
भूखे-प्यासे फिलिस्तीनियों के लिए भेजे जाने वाली रसद का खुद लुत्फ लिया
खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस्माइल हानियेह कतर में अपने आलीशान वेस्ट बे विला में अलजज़ीरा न्यूज़ देखते हुए स्कॉच पीता था और विदेशी अली पाशा कबाब का मज़ा लेता था. बताया जाता है कि दोहा में अपने विला में सेफ रहते हुए, इस्माइल ने फिलिस्तीनियों को दी जाने वाली अंतर्राष्ट्रीय सहायता और भूमिगत हमास सुरंगों के माध्यम से फिलिस्तीन में लाए जाने वाले सभी सामानों पर 20% एंट्री टैक्स से कमाई गई लाखों की रकम का फायदा उठाया.
ईरानियों को इजरायल से सीधे भिड़ाना चाहता था हमास का पॉलिटिकल चीफ
वह हमास और फिलिस्तीनियों से लड़ते रहने का आग्रह करता था. आम फिलिस्तीनी के दुख और बलिदान से बेखबर, वह खुद दोहा में ऐश किया करता था. पिछले दिनों जब ईरानी राष्ट्रपति मसूद पजशकियान का शपथ ग्रहण समारोह हुआ, तो उसमें भाग लेने के लिए इस्माइल हानियेह तेहरान में था. वह अपनी यात्रा के दौरान ईरानी रक्षा मंत्री मोहम्मद रेजा अश्तियानी के साथ अपनी बैठक का बेसब्री से इंतजार कर रहा था, उसकी योजना ईरानियों को इजरायल के साथ सीधे संघर्ष में शामिल करने की थी, ताकि इजरायल को कई मोर्चों पर लड़ना पड़े.
ठीक उसी समय, इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद के प्रमुख डेविड बार्निया ने इस्माइल हानियेह को मार गिराने के मिशन को हरी झंडी दे दी. यह एक बहुत ही सोच-समझकर लिया गया निर्णय था, क्योंकि, यह इजरायल को ईरान के साथ सीधे संघर्ष की ओर लेकर जा सकता था. वे (डेविड बार्निया) इस मिशन के विफल होने का जोखिम नहीं उठा सकते थे, क्योंकि अगर इस्माइल हानियेह जिंदा बचता, तो ईरान के साथ संघर्ष का कोई लाभ नहीं मिलता. इसलिए, इस्माइल को मरना ही था.
अक्टूबर 2023 में हुए भीषण हमले के बाद इजरायल ने हमास नामक ‘दानव’ के सिर को कुचलने की कसम खाई थी. इजरायली खुफिया प्रमुख (डेविड बार्निया) यह जानते थे कि इस्माइल हानियेह तेहरान में कब होगा. जैसा कि मोसाद के पिछले रिकॉर्ड दिखाते हैं, वे अपना वादा निभाने में कभी विफल नहीं हुए.
ऐसे बनी योजना:
जैसे ही डेविड बार्निया से हरी झंडी मिली, तेहरान में ठहरा मोसाद का एजेंट एक्टिव हो गया. वह इस्माइल की मौत के लिए शुरू किए गए मिशन की योजना को अच्छी तरह जानता था और उसने अपनी ज़रूरत के उपकरण की जाँच की. ज़्यादा कुछ नहीं, उसके पास बस एक रिमोट एक्टिवेटेड इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमीटर था, जिस पर कोई भी विमान या मिसाइल सक्रिय होने पर हमला कर सकता था.
इज़राइल जानता था कि बम रखना या किसी व्यक्ति से इस्माइल हानियेह पर गोली चलवाना असंभव था क्योंकि तेहरान में इस्माइल हानियेह के घर की सुरक्षा फ़ोर्ट नॉक्स की तरह ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड द्वारा की जाती थी.
इज़राइली एयरफ़ोर्स के लड़ाकू विमानों द्वारा हवाई हमला भी संभव नहीं था क्योंकि तेहरान बहुत दूर था और इज़राइली विमान ईरानी रडार द्वारा सीमा पार करने से पहले ही देखे जा सकते थे और अंततः उन्हें मार गिराया जा सकता था. इसलिए यह कुछ ऐसा होना चाहिए था जिसे ईरानी एयर डिफेंस समय पर पहचान या बचाव नहीं कर पाए.
एक पसंद का हथियार लॉकहीड ARRW हाइपरसोनिक मिसाइल था, जिसमें 5 मैक की गति (एक सेकंड में एक मील) होती है, जो किसी भी लड़ाकू विमान की गति से दोगुनी होती है, यह एक ऐसा हथियार भी है, जिसे कोई रडार ट्रैक नहीं कर पाएगा या इससे मिसाइल शील्ड बचाव नहीं कर पाएगी. यह एक घातक वार हेड ले जा सकता था जो एक पूरी इमारत को ध्वस्त कर सकता था. अमेरिका ने इस मिसाइल को, जो अभी भी अपने प्रोटोटाइप चरण में थी, इस विशिष्ट उद्देश्य के लिए इज़राइल को उपहार में दिया था.
योजना यह थी कि मोसाद एजेंट तेहरान में इस्माइल हानियेह के घर के सामने एक कार खड़ी करके छोड़ देगा. पुरानी टोयोटा कार के ऑडियो सिस्टम में ट्रांसमीटर छिपा होगा. एजेंट घटनास्थल से लगभग आधा किलोमीटर दूर खड़ा होगा और दूरबीन से कार की निगरानी करेगा. इस्माइल हानियेह के घर आते ही वह रिमोट से ट्रांसमीटर चालू कर देगा. सक्रिय ट्रांसमीटर ईरानी सीमा के ठीक बाहर इजरायली मिसाइल बंकर को सिग्नल भेजेगा और मिसाइल चालक दल सिग्नल मिलते ही फायर करेगा. इससे यह सुनिश्चित होगा कि मिसाइल के हिट होने पर इस्माइल हानियेह घर पर ही होगा.
योजना अमल में लाई गई
जैसे ही D-Day आया, मोसाद एजेंट कार को इस्माइल हानियेह के घर ले गया और उसे बाहर छोड़ दिया. वह इमारत की तीसरी मंजिल पर अपने ठिकाने पर वापस चला गया, जहां से उसने कार पर नजर रखनी शुरू कर दी. जैसे-जैसे दिन बीतता गया, एजेंट का दिल धड़कने लगा जब उसने देखा कि गार्ड उस कार की जांच कर रहे हैं, लेकिन उसमें कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला. अंदर कोई विस्फोटक नहीं रखा गया था, बस कार में ट्रांसमीटर को अच्छी तरह से छिपाकर रखा गया था.
ईरानी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण के कुछ ही मिनटों बाद इस्माइल हानियेह वहाँ पहुँच गया और सीधे अंदर चला गया. ईरान के रक्षा मंत्री से मिलने से पहले उसके पास कुछ घंटे बचे थे, इसलिए उसने एक निजी नंबर पर कॉल किया और अपनी ईरानी मालकिन को आने के लिए कहा. उसे इस बात का बिलकुल भी अहसास नहीं था कि मोसाद एजेंट ने पहले ही ट्रांसमीटर चालू कर दिया था और एक हाइपरसोनिक मिसाइल 6000 किलोमीटर प्रति घंटे से ज़्यादा की रफ़्तार से उसकी ओर तेजी से बढ़ती जा रही थी.
मिसाइल को तेहरान पहुँचने में 16 मिनट लगे, जो कि इज़रायली सीमा से 1000 मील दूर 5 मैक की रफ़्तार से पहुंची. मिसाइल इस्माइल हानियेह के घर से टकराई और उसने इस्माइल को भून डाला. यह हमला इतना भीषण था कि हमास को अपने सम्मानित नेता को दफ़नाने के लिए कोई मानव अवशेष भी नहीं मिल पाया.
मिशन पूरा हुआ
हजारों लोगों की मौत का गुनहगार, इस्माइल हानियेह आखिरकार मर गया. मोसाद का मिशन पूरा हो गया और इज़रायल ईरानी+हमास के संयुक्त जवाबी हमले के लिए तैयार हो गया. हाल ही में, ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई ने इजरायल पर बड़े पैमाने पर जवाबी हमले की धमकी दी, हालांकि वे अभी इस बात पर अनिश्चित हैं कि यह किस रूप में होगा. आशंका है कि निकट भविष्य में यह निश्चित रूप से होगा! मगर, इजरायल दुश्मनों से अपनी रक्षा के लिए तत्पर रहेगा.
– भारत एक्सप्रेस
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