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Raksha Bandhan: इस बार रक्षाबंधन 29 अगस्त को मनाया जाएगा. इसको लेकर पूरे देश में तैयारी चल रही है. बाजार रक्षासूत्रों की दुकानों से सजधजकर तैयार हो गए हैं. जिन बहनों को अपने भाई के लिए शहर से दूर राखी भेजनी है, उन्होंने रक्षासूत्र भी खरीदने शुरू कर दिए हैं. तो दूसरी ओर देश में एक ऐसी महिला हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अपने हाथ से राखी बना रही हैं और वह हर साल पीएम मोदी को राखी बांधती हैं. इस बार भी उन्होंने पीएम को राखी बांधने की तैयारी पूरी कर ली है.
ये महिला हैं कमर शेख. वह पिछले 29 सालों से नरेंद्र मोदी को अपना भाई मानकर राखी बांधती चली आ रही हैं. इस बार भी वह दिल्ली जाने की तैयारी कर रही हैं. इस बार वह पीएम को 30वीं बार राखी बांधेंगी. कमर शेख का जन्म पाकिस्तान के कराची शहर में एक मुस्लिम परिवार में हुआ था लेकिन मोहसीन शेख से 1981 में शादी होने के बाद वह भारत में आकर रहने लगी थीं. कमर शेख कहती हैं कि पीएम मोदी को राखी बांधने दिल्ली जाने के लिए रक्षाबंधन के एक दिन पहले यानी 18 अगस्त को टिकट लिया हुआ है और वह अहमदाबाद से दिल्ली पहुंचकर पीएम मोदी को राखी बांधेंगी.
1990 से हैं पीएम मोदी के सम्पर्क में
बता दें कि कमर शेख साल 1990 से पीएम मोदी के संपर्क में हैं. पीएम मोदी उनको अपनी बहन मानते हैं. यही वजह है कि वह अपने हाथ से रक्षासूत्र बनाती हैं. वह बाजार से पीएम के लिए रक्षासूत्र नहीं खरीदती हैं. पीएम मोदी के साथ ये पवित्र रिश्ता कैसे शुरू हुआ को लेकर कमर शेख ने मीडिया को बताया कि साल 1990 में गुजरात के राज्यपाल रहे स्वर्गीय डॉक्टर स्वरूप सिंह के माध्यम से वह पहली बार पीएम नरेंद्र मोदी से मिली थीं. स्व. डॉक्टर स्वरूप सिंह जब एयरपोर्ट से रवाना हो रहे थे तब वह उनसे मिलने पहुंची थीं और उस वक्त नरेंद्र मोदी भी वहां मौजूद थे. स्वरूप सिंह ने तब नरेंद्र मोदी से कहा था कि कमर शेख उनकी बेटी हैं तो यह सुनकर नरेंद्र मोदी ने कहा था कि फिर आज से कमर शेख मेरी बहन हुईं. कमर शेख कहती हैं कि इसी के बाद बाद से लगातार उनको हर रक्षाबंधन पर राखी बांधती आई हूं. आज जब वह तीसरी बार भारत के पीएम बन गए हैं तब भी ये सिलसिला लगातार जारी है.
इस बार बनाई इतनी राखियां
कमर शेख बताती हैं कि हर साल की तरह इस बार भी उन्होंने पीएम मोदी के लिए 8-10 राखी बनाई हैं. वह कहती हैं कि मैं अपने भाई के लिए खुद ही राखी बनाती हूं, बाजार से बनी-बनाई राखी नहीं खरीदती. वह कहती हैं कि अपने भाई के लिए कई राखी बनाती हूं और जो उनमें से सबसे अच्छी होती है उसे मैं भाई की कलाई में बांध देती हूं. वह कहती हैं कि इस बार जो राखी मैं भाई को बांधने वाली हूं, उसे मैंने वेलवेट से बनाया है. राखी में पर्ल, मोती, जरदोसी, टिक्की का इस्तेमाल किया है.
हमेशा कबूल हुई मेरी दुआ
कमर शेख कहती हैं कि पीएम मोदी से मेरा रिश्ता उस वक्त बना था जब वह केवल संघ के एक कार्यकर्ता हुआ करते थे. तभी से उनको राखी बांध रही हूं. वह कहती हैं कि मैने एक बार राखी बांधते हुए कहा था कि मैं दुआ करती हूं कि एक दिन आप गुजरात के मुख्यमंत्री बनें. इसे सुनकर भाई हंस पड़े थे लेकिन मेरी दुआ हकीकत में बदल गई थी. उनके गुजरात के सीएम बनने के बाद जब मिली तो उन्होंने कहा था कि अब भाई के लिए क्या दुआ मांगी है? इस पर कमर शेख कहती है कि मैंने उस वक्त अपने भाई नरेंद्र मोदी के लिए देश का प्रधानमंत्री बनने की दुआ मांगी थी और मैं खुशक़िस्मत हूं कि मेरी दुआ कबूल हुई है और मेरे भाई आज तीसरी बार देश के पीएम बन चुके हैं.
कोरोना के दौरान नहीं बांध पाई थीं राखी
कमर शेख कहती हैं कि उनको उम्मीद है कि हर साल की तरह इस साल भी उन्हें रक्षाबंधन के दिन आमंत्रित किया जाएगा. वह कहती हैं कि मैं अपने भाई के लिए हमेशा ही दुआ मांगती हूं. इसी के साथ ही कमर शेख बताती हैं कि कोरोना महामारी के दौरान वह पीएम को राखी नहीं बांध पाई थी. वह कहती हैं कि पहले यानी कोरोना से पहले तक वह खुद पीएम को राखी बांधने जाती रही हैं, लेकिन साल 2020, 2021, 2022 यह तीन साल कोरोना की वजह से वह खुद पीएम मोदी को राखी बांधने नहीं जा पाई थीं, लेकिन साल 2023 यानी पिछले साल वह खुद अपने पति मोहसीन शेख के साथ पीएम मोदी को राखी बांधने के लिए दिल्ली गई थीं.
-भारत एक्सप्रेस
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