सांकेतिक फोटो-सोशल मीडिया
Kolkata Doctor Rape-Murder Case: कोलकाता में महिला डाक्टर के साथ रेप और हत्या के मामले में देश भर के चिकित्सक लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे है. इसी क्रम में शनिवार को देश भर में चिकित्सकों ने हड़ताल कर दी है और उसका असर अब ये हो गया है कि मरीजों का हाल बुरा हो गया है और स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराती हुई दिखाई दे रही है.
बता दें कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना के बाद दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, लखनऊ, कोलकाता और वड़ोदरा जैसे शहरों में डॉक्टर हड़ताल कर धरना दे रहे हैं, जिसकी वजह से पूरे देश में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हजरतगंज स्थित श्यामा प्रसाद मुखर्जी, सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने भी कोलकाता की घटना के विरोध में अस्पताल में काम बंद करके धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है.
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तो वहीं नोएडा के अस्पतालों में भी इसका व्यापक असर देखने को मिल रहा है. यहां पर चिकित्सकों ने काम करना बंद कर दिया है. यहां पर प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों की सेवाएं बंद हैं और ओपीडी भी ठप पड़ी है.
इसके अलावा बेंगलुरु में भी वरिष्ठ डॉक्टर, जूनियर डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ ने काम बंद रखा. हालांकि डॉक्टरों ने विरोध-प्रदर्शन के बीच आपातकालीन सेवाओं को चालू रखा लेकिन महिला डाक्टर के साथ हुई हैवानियत का पुरजोर विरोध किया. एनेस्थीसिया विभाग में तैनात डॉक्टर संदिया ने डॉक्टरों की सुरक्षा पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि “मुझे लगता है कि हमें हर महिला के सामने आने वाले मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए. डॉक्टर होने के नाते हम सड़क पर सुरक्षित महसूस नहीं कर पाते हैं.”
इसी के साथ ही उन्होंने दोषी को कड़ी सजा देने की मांग की और कहा कि “जिसने भी इस घिनौनी करतूत को अंजाम दिया है. उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसा अपराध करने से पहले कोई भी आरोपी दो बार सोचें. हम डॉक्टरों के रूप में अपना कर्तव्य निभाना चाहते हैं लेकिन इस विशेष मामले में हमारे पास जिस तरह की रिपोर्ट आई है, उसके मुताबिक कुछ राजनीतिक दबाव भी है.”
मालूम हो कि स्वास्थ्य कर्मियों पर लगातार हो रहे हमलों को देखते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने 17 अगस्त यानी शनिवार को पूरे देश में हड़ताल की घोषणा की थी. इसी के बाद से पूरे देश में चिकित्सक मरीजों को देखने के बजाए हड़ताल पर चले गए हैं.
हड़ताल के दौरान तमाम छोटे बड़े अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं बंद हैं लेकिन आपातकालीन सेवाएं चालू रहने की बात कही गई है. इस हड़ताल की वजह से दिल्ली में AIIMS, RML, DDU, LNJP, लेडी हार्डिंग, सफदरजंग समेत कई प्रमुख सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर आज सेवाएं देने में असमर्थ दिखाई दे रहे हैं.
#WATCH | Kerala: Indian Medical Association (IMA) announces a nationwide strike over RG Kar Medical College rape and murder.
Visuals from Thiruvananthapuram General Hospital. pic.twitter.com/GC3gFEXcNe
— ANI (@ANI) August 17, 2024
हड़ताल पर गए चिकित्सकों की ये हैं मांगें
कोलकाता रेप केस के खिलाफ हड़ताल कर रहे हैं डॉक्टर्स, हड़पातल पर गए डॉक्टर्स की मांग है कि पीड़िता को न्याय मिले. डॉक्टरों के एक प्रतिनिधिमंडल की केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों से इस बाबत बात भी की थी, लेकिन जब कोई हल नहीं निकला तो एसोसिएशन ने हड़ताल का अह्वान किया है. चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्य यानी CPA बनाए.
आईएमए ने पीड़ित परिवार को उचित और सम्मानजनक मुआवजा देने की भी मांग की है.
आईएमए ने रेजिडेंट डॉक्टरों के कामकाज और रहने की स्थिति में बड़े पैमाने पर बदलाव की मांग की है. इसमें 36 घंटे की ड्यूटी शिफ्ट को कम करने और आराम करने के लिए सुरक्षित स्थानों की व्यवस्था करने की भी मांग उठाई है.
आईएमए ने अस्पतालों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाने की भी मांग उठाई है और कहा है ककि अस्पतालों को अनिवार्य सुरक्षा अधिकार के साथ सुरक्षित क्षेत्र घोषित किया जाए. सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएं, अस्पतालों में तैनात सुरक्षाकर्मियों की तैनाती और प्रोटोकॉल का पालन किया जाए.
बता दें कि केंद्र सरकार ने शुक्रवार को निर्देश दिया था कि अगर किसी स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला हो तो पुलिस को चाहिए कि वह घटना के छह घंटे के अंदर ही पहले एफआईआर करके कार्रवाई शुरू करे. तो वहीं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने 17 अगस्त को देश भर के सभी छोटे और बड़े अस्पतालों में बंदी की घोषणा की है.
चिकित्सकों ने धीमी जांच का लगाया आरोप
मालूम हो कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों ने दो दिन पहले अस्पताल पर हुए हिंसक हमले की धीमी जांच का आरोप लगाया है.
#WATCH | RG Kar Medical College and Hospital rape-murder case | Junior doctor Rumalika Kumar says, "Due to non-transparency, the investigation process has been shifted from Kolkata police to the CBI. But even after 48 hours, the demands of justice that we had are not fulfilled at… pic.twitter.com/WtAWI2Mltv
— ANI (@ANI) August 16, 2024
24 घंटे के लिए हड़ताल पर रहेंगे चिकित्सक
आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरवी अशोकन ने कहा कि इस दौरान डॉक्टर 24 घंटे के लिए हड़ताल पर रहेंगे. ये सुबह 6 बजे से शुरू होगी, जो अगले दिन सुबह 6 बजे तक चलेगी.उन्होंने बताया कि इस दौरान इमरजेंसी सेवाएं तो चालू रहेंगी, लेकिन ओपीडी के साथ बाकी सेवाएं बंद रहेंगी. आरवी अशोकन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर की घटना के विरोध में देशभर के डॉक्टर आक्रोशित हैं. उन्होंने ये भी कहा कि इस तरह की घटनाएं बहुत चिंताजन और हैरान करने वाली है. सरकार को चाहिए कि वह स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करे.
#WATCH | Tamil Nadu: Resident Doctors Associations of Rajiv Gandhi Government General Hospital and Madras Medical College organise a boycott protest in Chennai against the incident of rape and murder of a woman doctor at RG Kar Medical College and Hospital, Kolkata. pic.twitter.com/mtJty3AM1D
— ANI (@ANI) August 17, 2024
ये हुई थी घटना
बता दें कि कोलकाता में 8 और 9 अगस्त की रात आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में महिला डॉक्टर के साथ रेप-हत्या की घटना हुई थी. इसी के बाद से देश भर के चिकित्सकों में रोष व्याप्त हो गया है. सड़क पर उतर कर डॉक्टर अपने साथी के साथ रेप और हत्या के बाद इंसाफ मांग रहे हैं.
एसिड अटैक पीड़िताओं ने निकाला कैंडल मार्च
बता दें कि महिला डाक्टर के साथ रेप और हत्या के विरोध में लखनऊ की एसिड अटैक पीड़िताओं ने कैंडल मार्च निकालकर इस घटना में संलिप्त आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. कैंडल मार्च में शामिल माधुरी मिश्रा ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, “ये साइलेंट कैंडल मार्च हम कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए कुकृत्य के विरोध में निकाल रहे हैं. यह भयानक क्राइम है. उन्होंने कहा कि एसिड अटैक सर्वाइवर ने कैंडल मार्च निकालने का फैसला इसलिए लिया, क्योंकि डॉक्टरों ने ही उनकी जान बचाई है.” उन्होंने आगे कहा कि “हम सरकार से मांग करते हैं कि इस मामले के विरोध में एक फास्ट ट्रैक कोर्ट बने. साथ ही जल्द से जल्द मामले में संलिप्त आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले.”
माधुरी ने ये भी कहा कि “हम यहां सवाल करना चाहेंगे कि निर्भया मामले में सरकार ने कौन-सा बड़ा एक्शन ले लिया था. अपराधियों के साथ तो सरकार वीआईपी ट्रीटमेंट ही कर रही थी. आम जनता की जिंदगी बचाने वाले डॉक्टरों की जान को खतरा हो सकता है, तो इससे साफ जाहिर होता है कि समाज में कोई भी लड़की सुरक्षित नहीं है.”
-भारत एक्सप्रेस
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