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Sudha Murthy Birthday: इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति का 74वां जन्मदिन आज, पढ़िए उनके परोपकारों की कहानी

Sudha Murthy birthday today : दुनिया की सर्वश्रेष्ठ सॉफ्टवेयर कंपनियों में से एक इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति का आज (19 अगस्त) जन्मदिन है. इस अवसर पर उनकी कहानी पढ़िए.

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Sudha murthy : पद्म-भूषण से सम्मानित लेखिका और परोपकारी सुधा मूर्ति के बारे में आप भी जानते ही होंगे! वह दुनिया की सर्वश्रेष्ठ सॉफ्टवेयर कंपनियों में से एक इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति की पत्नी हैं. 19 अगस्त यानी आज उनका जन्मदिन है.

सुधा मूर्ति का जन्म कर्नाटक के शिगगांव में 19 अगस्त 1950 को हुआ था. उनके व्यक्तित्व के बहुत सारे आयाम हैं जिनमें उनको एक इंजीनियर, एक लेखक और समाज सेविका के रूप में जाना जाता है. भारत सरकार ने समाज के प्रति किए गए उनके काम को ध्यान में रखते हुए उनको पद्मश्री से सम्मानित किया है.

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‘जो करना पसंद हो वही करें’

सुधा मूर्ति के कई किस्से सुने और सुनाए जाते हैं. एक समारोह में 700 महिलाओं ने भाग लिया था. पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित सुधा मूर्ति ने वहां कहा था, “आपको कभी भी सुर्खियों में रहने की चिंता नहीं करनी चाहिए. यह घूमने वाले कैमरे की तरह है.” सुधा मूर्ति कहती हैं, “आपको इस बात की चिंता करनी चाहिए कि आप क्या करना पसंद करते हैं, जब तक कि आप जो करना पसंद करते हैं वह नैतिक और अनैतिक रूप से सही है.”

आईटी कंपनी की गैर-लाभकारी शाखा, इंफोसिस फाउंडेशन में, सुधा मूर्ति ने अपना जीवन वंचितों को सशक्त बनाकर उनकी सेवा करने के लिए समर्पित कर दिया. वे निम्नलिखित क्षेत्रों में सक्रिय रही हैं—

  • शिक्षा
  • गरीबी निर्मूलन
  • स्वास्थ्य देखभाल
  • सार्वजनिक स्वच्छता
  • शिक्षा और कला-संस्कृति

समाजसेवा के विचार

सुधा मूर्ति कहती हैं कि लोगों की सेवा करने से उन्हें बहुत शांति और ख़ुशी मिलती है और अब उनके लिए और कुछ भी मायने नहीं रखता. वह अक्सर दो दशक पहले उन्हें नींद से जगाने और अपने जीवन जीने के उद्देश्य पर विचार करने के लिए मजबूर करने का सारा श्रेय अपनी बेटी को देती हैं.

उन्होंने बताया कि मेरी बेटी ने मुझसे पूछा था, ‘आप जैसा व्यक्ति जो खूब पढ़ा-लिखा हो और खूब यात्रा करता हो, आप जीवन से क्या उम्मीद करते हैं? क्या आप ग्लैमरस बनना चाहते हैं? क्या आप अपना समय टेक्नोलॉजी में बिताना चाहते हैं? या क्या आप अपना समय अपने बड़े परिवार के साथ बिताना चाहते हैं? आप जीवन में क्या करना चाहते हैं?”

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सुधा मूर्ति ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा के बाद हुबली-धारवाड़ स्थित बीवीबी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी में बीई इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रनिक्स में इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की. उनको कर्नाटक के सीएम ने स्वर्ण पदक से सम्मानित किया था, क्योंकि उन्होंने पूरे राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त किया था. पति के साथ उन्होंने इंफोसिस से जुड़े एक आॅर्गनाइजेशन को शुरू किया. 1996 में इंफोसिस फाउंडेशन की स्थापना हुई.

इन्फोसिस फाउंडेशन ने तब से अब तक कई विश्वसनीय परोपकारी लक्ष्य हासिल किए हैं. जैसे:- समाज के वंचित वर्गों के लिए अस्पतालों, स्कूलों, अनाथालयों, पुनर्वास केंद्रों के साथ-साथ 14,000 से अधिक शौचालय और 60,000 से अधिक पुस्तकालयों का निर्माण.

कैसे बनीं इनफ़ोसिस की मालकिन

सुधा मूर्ति एक प्रतिष्ठित और बड़ी शिक्षाविद रही हैं. 24 साल की उम्र में अपनी शैक्षणिक पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्होंने अपने पति नारायण मूर्ति को एक उद्यम शुरू करने में मदद करने पर ध्यान केंद्रित किया, जो आज आईटी कंपनी इंफोसिस के रूप में दुनिया भर में प्रसिद्ध है.

सेक्सवर्कर्स की भी मदद की

सुधा मूर्ति ने यौनकर्मियों (सेक्सवर्कर्स) के हित में भी काम किया है. उन्होंने 3,000 यौनकर्मियों के पुनर्वास में मदद करते हुए 18 साल बिताए. उन सभी ने उन्हें सामान्य जीवन जीने के लिए सशक्त बनाने के लिए उनके साथ किए गए अथक परिश्रम के लिए समारोहों का आयोजन किया. भारतीय संस्कृति के लोकाचार को प्रतिबिंबित करने वाली कई पुस्तकों की लेखिका सुधा मूर्ति का कहना है कि उनका परोपकारी कार्य उनके जीवन का एक अत्यंत संतुष्टिदायक हिस्सा है.

— भारत एक्सप्रेस



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