Bharat Express

“अगर फाइल गायब है तो अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लेंगे”, जानें किस File को पेश करने का आदेश दिल्ली हाई कोर्ट ने ASI को दिया

कोर्ट ने कहा कि फाइल 21 मई, 2018 को उसके समक्ष पेश की गई थी और उसके बाद फिर से पेश करने को कहा गया था. गत आदेशों के अनुसार इस मामले की सुनवाई के लिए मंत्रालय की फाइल तैयार रखी जानी थी.

Delhi Highcourt

दिल्ली हाई कोर्ट.

केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के फैसले वाली फ़ाइल को पेश करने का दिल्ली हाई कोर्ट ने आदेश दिया है. कोर्ट ने उस फाइल को पेश करने का निर्देश दिया है, जिसमें कहा गया था कि मुगलकालीन जामा मस्जिद को ‘संरक्षित’ स्मारक घोषित नहीं किया जाना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि अगर संबंधित अधिकारी कथित तौर पर गायब हुए दस्तावेजों को उसके समक्ष पेश करने में विफल रहते हैं, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाएगी. कोर्ट 27 सितंबर को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा.

अगर दस्तावेज गायब हैं तो हम एक्शन लेंगे- कोर्ट

कोर्ट को बताया गया था कि अधिकारी गायब हुई फाइल का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं. उसके बाद कोर्ट ने यह आदेश दिया. न्यायमूर्ति प्रतिबा मनिंदर सिंह एवं न्यायमूर्ति अमित शर्मा की पीठ ने कहा कि ये महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं, जो आपके पास हैं. आपको इन्हें सुरक्षित रखना है. यह बहुत महत्वपूर्ण है और अगर दस्तावेज गायब हैं तो हम अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे. पीठ ने यह निर्देश उस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया जिसमें जामा मस्जिद को संरक्षित स्मारक घोषित करने एवं उसके आसपास से सभी अतिक्रमण को हटाने की मांग की गई है.

यह याचिका सुहैल अहमद खान व अन्य ने दाखिल कर रखी है. उसी याचिका के तहत 16 मार्च 2018 को एक अर्जी दाखिल कर जामा मस्जिद से संबंधित संस्कृति मंत्रालय की फाइल पेश करने की मांग की गई है. पीठ ने कहा कि 27 फरवरी, 2018 को इस अदालत ने अपने 23 अगस्त, 2017 के आदेश को दोहराया था. उसमें मंत्रालय को वह फाइल पेश करने का निर्देश दिया गया था जिसमें जामा मस्जिद को संरक्षित स्मारक घोषित नहीं करने का निर्णय लिया गया था.

यह भी पढ़ें- अभद्र, अश्लील और राष्ट्र विरोधी कंटेंट पोस्ट करने पर मिलेगी ये सजा, उत्तर प्रदेश में नई सोशल मीडिया पॉलिसी को मंजूरी

कोर्ट ने कहा कि फाइल 21 मई, 2018 को उसके समक्ष पेश की गई थी और उसके बाद फिर से पेश करने को कहा गया था. गत आदेशों के अनुसार इस मामले की सुनवाई के लिए मंत्रालय की फाइल तैयार रखी जानी थी. लेकिन बुधवार को एएसआई के एक अधिकारी ने बताया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री (सिंह) की ओर से लिखा गया मूल पत्र फाइल में नहीं है. इसका पता लगाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. कोर्ट ने इसपर स्पष्ट किया कि एएसआई हो या मंत्रालय मूल फाइल सुनवाई की अगली तारीख पर पेश किया जाए. अन्यथा संबंधित अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा.

-भारत एक्सप्रेस

Also Read