आईजीआई एयरपोर्ट (प्रतीकात्मक फोटो).
IGI एयरपोर्ट की टीम की सतर्कता और प्रयासों ने एक बड़ी सफलता प्राप्त की है, जिसमें एक यूपी बेस्ड एजेंट को गिरफ्तार किया गया. यह एजेंट “मनोज ट्रैवल टर्मिनल” के नाम से पिछले 7-8 वर्षों से एजेंसी चला रहा था और यात्रियों की यात्रा को सुगम बनाने के लिए उनके पासपोर्ट की जानकारी में छेड़छाड़ करता था.
पैसेंजर का थाईलैंड से प्रत्यर्पण:
- एक भारतीय नागरिक, सतीश कुमार तिवारी को थाईलैंड से वापस भेज दिया गया. जांच में यह सामने आया कि उसने भारत में तीन अलग-अलग पासपोर्ट बनवाए थे, जिनमें भिन्न-भिन्न व्यक्तिगत जानकारी थी.
- एजेंट का कालेधन में शामिल होना: यह एजेंट अपराधी प्रवृत्ति का है और पहले भी कई मामलों में शामिल पाया गया था. इस मामले में उसे मार्च 2024 में IGI एयरपोर्ट पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था.
यह मामला अगस्त 2024 में सामने आया, जब सतीश कुमार तिवारी नामक यात्री IGI एयरपोर्ट पर दस्तावेजों की जांच के दौरान पकड़ा गया. जांच में यह सामने आया कि तिवारी ने अपनी पहचान छुपाने के लिए तीन अलग-अलग पासपोर्ट बनवाए थे, जिसमें प्रत्येक पर भिन्न-भिन्न नाम और जन्म तिथि थी. इसके बाद, पुलिस ने एजेंट मनोज जायसवाल को गिरफ्तार किया, जो लंबे समय से यात्रियों के दस्तावेजों में बदलाव करता था और उन्हें विदेश यात्रा पर भेजता था.
गिरफ्तारी और भविष्य की जांच
मनोज जायसवाल, जो कि उत्तर प्रदेश के गोरखपुर का निवासी है, को दिल्ली में गिरफ्तार किया गया. उसने अपनी पहचान को बदलने के लिए तिवारी से एक लाख रुपये लिए थे. पूछताछ के दौरान उसने यह स्वीकार किया कि वह पिछले 7-8 वर्षों से यात्रियों की पहचान में बदलाव करने और उन्हें थाईलैंड भेजने का काम कर रहा था.
पुलिस ने इस मामले में और भी अपराधियों के शामिल होने की आशंका जताई है और इस संबंध में जांच जारी है.
आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने यात्रियों से अपील की है कि वे केवल अधिकृत एजेंसियों से ही अपनी यात्रा संबंधित दस्तावेज प्राप्त करें और धोखाधड़ी करने वाले एजेंटों से बचें.
- भारत एक्सप्रेस
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