Adani Enterprises: अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) ने अपने पहले सार्वजनिक गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) निर्गम योजना 4 सितंबर को लॉन्च किया जाएगा. कंपनी का लक्ष्य इस 800 करोड़ रुपये तक जुटाना है, जिसमें 80 लाख तक सुरक्षित, सूचीबद्ध और रिडीमेबल एनसीडी शामिल होंगे, जिनमें से प्रत्येक का अंकित मूल्य 1,000 रुपये होगा.
एनसीडी इश्यू का बेस साइज 400 करोड़ रुपये होने की संभावना है, साथ ही अतिरिक्त 400 करोड़ रुपये तक के ओवर-सब्सक्रिप्शन को बनाए रखने के लिए ग्रीन-शू विकल्प भी होगा, जो संभावित रूप से कुल 800 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है.
4 से 17 सितंबर तक चलेगी योजना
अदानी समूह की प्रमुख इकाई एईएल ने इश्यू को 4 सितंबर से 17 सितंबर तक चलाने की योजना बनाई है. निवेशक 1,000 रुपये के गुणाकों में 10,000 रुपये के न्यूनतम निवेश के साथ एनसीडी के लिए आवेदन कर सकते हैं. एनसीडी, जो प्रति वर्ष 9.90% तक की प्रभावी ग्रोथ करते हैं, बीएसई लिमिटेड और एनएसई लिमिटेड दोनों पर सूचीबद्ध होने की संभावना है. इसके तहत जुटाई गई राशि का कम से कम 75% हिस्सा मौजूदा कर्ज के पूर्व भुगतान या पुनर्भुगतान के लिए इस्तेमाल किया जाएगा, जबकि शेष 25 फीसदी सेबी के नियमों के अनुसार सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.
निवेश के लिए तीन विकल्प
निवेशक, निवेश के लिए 24 महीने, 36 महीने और 60 महीने की विभिन्न अवधियों में से चुन सकते हैं, जिसमें आठ श्रृंखलाओं में तिमाही, संचयी या वार्षिक आधार पर ब्याज भुगतान विकल्प उपलब्ध हैं. अदानी समूह के मुख्य वित्तीय अधिकारी जुगेशिंदर सिंह ने बताया कि कंपनी का मुख्य संचालन बुनियादी ढांचे और उपयोगिताओं पर केंद्रित है. जिसमें अक्षय ऊर्जा पर अधिक ध्यान दिया गया है. इस बीच, एनसीडी को केयर रेटिंग्स द्वारा केयर ए+ रेटिंग दी गई है, जो कि सकारात्मक है.
अदानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड
अदानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड, जिसे बाजार पूंजीकरण के हिसाब से भारत का सबसे बड़ा बिजनेस इनक्यूबेटर माना जाता है. साल 1993 में स्थापना के बाद से ही स्थायी बुनियादी ढांचे के विकास का एक मजबूत इतिहास रहा है. कंपनी के विविध पोर्टफोलियो, जिसमें सौर और पवन ऊर्जा, हवाई अड्डे और सड़कों के उद्यम शामिल हैं, ने इसके वित्तीय प्रदर्शन को काफी बढ़ावा दिया है. वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही के लिए, एईएल ने वर्ष-दर-वर्ष आधार पर शुद्ध लाभ में 50.1% की वृद्धि दर्ज की, जो 10,279 करोड़ रुपये रहा. जबकि, ईबीआईटीडीए 32.9% बढ़कर 22,570 करोड़ रुपये हो गया.
-भारत एक्सप्रेस
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